उज्जैन | Ujjain Lok Sabha Chunav 2024 : मध्य प्रदेश की उज्जैन लोकसभा सीट का इतिहास काफी उठा-पटक वाला रहा है। वही मध्यप्रदेश की उज्जैन लोकसभा चुनाव की चौथे चरण की प्रक्रिया जारी हैं. इसी बीच खबर हैं कि
उज्जैन में लोकसभा चुनाव के मतदान के दौरान महिला अधिकारी ने एक पर्टिकुलर पार्टी के पक्ष में वोट डालने की मतदाताओं के समक्ष अपील की ऐसा आरोप कांग्रेस प्रत्याशी महेश परमार ने लगाया हैं.
बूथ पर मौजूद कार्यकर्ता ने भी आपत्ति ली और महिला पीठासीन अधिकारी का वीडियो बनाया। महिला अधिकारी कह रही है गलती से मुंह से निकल गया, हम क्यों करेंगे मोदी मोदी बाद में उज्जैन आलोट संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी और तराना विधान सभा से विधायक महेश परमार ने निर्वाचन आयोग को शिकायत की साथ ही जब मुख्यमंत्री अपने परिवार सहित फ्रीगंज स्थित बूथ क्रमांक 60पर मतदान करने पहुंचे तब मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से शिकायत करना चाही जिस पर सीएम ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी।
साल 2019 के चुनाव में भाजपा नेता ने कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय को करारी शिकस्त दी थी और 63 फीसदी से अधिक वोट शेयर अपने नाम किया था। उज्जैन लोकसभा सीट में उज्जैन जिला और रतलाम का कुछ हिस्सा शामिल है। ये सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। साल 1952 में इस सीट पर पहली बार चुनाव हुआ और लगातार 3 बार 1967 तक कांग्रेस के राधेलाल व्यास सांसद रहे। जिसके बाद उज्जैन सीट पर जनसंघ, जनता पार्टी, कांग्रेस और भाजपा के बीच कुर्सी का खेल चलता रहा। साल 2014 में भाजपा नेता प्रोफेसर चिंतामणि मालवीय ने तत्कालीन सांसद प्रेमचंद गुड्डू को करारी शिकस्त दी लेकिन 2019 के चुनाव में भाजपा ने मालवीय का टिकट काट दिया। इस लोकसभा क्षेत्र में अनुसूचित जाति (SC) के वोटर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं।