बिलासपुर। CG NEWS : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में बर्खास्त हेडकांस्टेबल को न्याय मिला है। न्याय वो भी उसके मौत के चार साल बाद मिला। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए उनके विधिक उत्तराधिकारियों को बकाया वेतन व भत्ते सहित अन्य लाभ भी देने के निर्देश दिए है। यह मामला रायफल गुमने का था और बाद में उसी रायफल से एक आरक्षक की मौत हो गई थी। इसके लिए हेड कांस्टेबल को ड्यूटी में लापरवाही के लिए दंडित किया गया था। हेड कांस्टेबल ने खुद को निर्दोष बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी बीच उनकी मौत के बाद हुई सुनवाई में याचिका मंजूर कर उनके हित में फैसला सुनाया।
बता दें, याचिकाकर्ता एलेक्सियस मिंज महासमुंद के आरक्षित पुलिस स्टेशन में हेड कांस्टेबल के रूप में कार्यरत थे। उन्हें 3 फरवरी 2013 को आरोप पत्र देकर हथियारों और गोला बारूद की जांच में लापरवाही का दोषी बताया गया।
गणतंत्र दिवस समारोह से पहले महासमुंद के मिनी स्टेडियम में उनकी ड्यूटी लगा गई थी। चार गार्डों को प्रभारी होने के साथ वे रायफलों की सुरक्षा में लगे थे। इसी दौरान एक रायफल गायब हो गई और उससे चली गोली एक कांस्टेबल दिनेश यादव को लगी।
गोली लगने से उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद उनके खिलाफ संयुक्त जांच की गई। बाद में सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई।
वर्ष 2020 में याचिका पर फैसला आने से पूर्व ही उनकी मौत हो गई। केस में उनके विधिक उत्तराधिकारियों पत्नी व पुत्रों को जोड़ा गया। सुनवाई में याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि आरोप पत्र छत्तीसगढ़ सिविल सेवा के नियम 18 के मानदंडों के विपरीत है।
बिना आदेश के इस मामले में संयुक्त जांच नहीं की जा सकती। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए विधिक उत्तराधिकारियों को लंबित वेतन और समस्त लाभ प्रदान करने का निर्देश दिया है।