पुराने वक्त में चारधाम यात्रा लोगों के लिए आस्था का विषय थी, लेकिन आज यहां आस्था के साथ कुछ लोग एडवेंचर के लिए भी पहुंचने लगे हैं।दर्शन के लिए तो भक्तों का तांता लगा ही है, ब्लॉगर्स और वीडियो क्रिएटर्स का भी जमावड़ा है.
ऐसे में श्रद्धालुओं को असुविधा हो रही है. अब एडवेंचर या शौक पूरा करने के लिए वीडियोग्राफी करने वालों पर प्रशासन सख्ती बरतने जा रहा है. दरअसल, गुरुवार को शासन की ओर से एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसमें साफतौर मंदिर परिसर के 50 मीटर दायरे में रील्स बनाने पर पूरी तरह बैन लगाया गया है।
वीआईपी दर्शन पर भी सरकार ने रोक लगाई
उत्तराखंड राज्य में इन दिनों चार धाम यात्रा के लिए देश-विदेश से लोग पहुंच रहे हैं, जिससे भीड़ काफी बढ़ गई है. सरकार के लिए इस भीड़ को नियंत्रित करना और व्यवस्था को बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है. व्यवस्थाओं को बेहतर बनाए रखने के लिए 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर भी सरकार ने रोक लगाई है. मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर कहा कि आगामी 31 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था होना मुश्किल है, इसलिए इस पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है
शासनादेश में ये लिखा गया
उत्तराखंड शासन की इस एसओपी में कहा गया कि प्रदेश में चार धाम यात्रा संचालित की जा रही है, जिसमें बड़ी तादाद में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए पहुंच रहे हैं. इसके लिए शासन- प्रशासन व्यवस्था बनाने का काम कर रहा है. लेकिन, कुछ लोग जो वीडियो शूट या रील्स बना रहे हैं, उससे श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है. लोग उन्हें देखने के लिए भीड़ लगाकर एक ही जगह एकत्रित हो रहे हैं, जिससे यात्रियों को दर्शन-पूजन में दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है. श्रद्धालुओं को असुविधा न हो, इसलिए चार धाम यात्रा के मंदिरों के परिसर के 50 मीटर दायरे में रील्स या वीडियो शूट पर पूरी तरह से बैन लगाया गया है.