ओड़िया समाज के वरिष्ठ नेता, छत्तीसगढ़ राज्य की क्षेत्रीय राजनीतिक दल जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के मुख्य प्रवक्ता अधिवक्ता भगवानू नायक आज एक वैवाहिक कार्यक्रम में शामिल होने पश्चिम ओडिशा के बालंगीर जिला पहुंचे। इस दौरान पत्रकारों से चर्चा करते हुए भगवानू नायक ने कहा इस बार पश्चिम ओड़ीसा में चुनाव दिलचस्प हो गया है, लगातार पश्चिम ओडिशा में पृथक कौशल राज्य की मांग और पश्चिम ओडिशा के लोगों के नाराजगी के कारण Damage Control करने के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री एवं बीजेडी के अध्यक्ष नवीन पटनायक पश्चिम ओडिशा के कांटाबाजी विधानसभा से चुनाव लड़ रहे हैं। यह सर्वविदित है कि काँटाबाज़ी पलायन और लेबर मार्केट का मुख्य केंद्र है जहां से हज़ारों लोग अपने घर, परिवार, गाँव और प्रदेश को छोड़कर रोज़गार के लिए देश भर में पलायन कर जाते है।
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के यहाँ से चुनाव लड़ने से पश्चिम ओड़िशा के लोगों को उम्मीद की नई किरण दिखाई दे रही है । उन्होंने कहा इसमें कोई दो राय नहीं है कि सरकारों ने हमेशा से ही पश्चिम ओडिशा का उपेक्षा किया है यही कारण है कि पश्चिम ओडिशा के प्रमुख रूप से नुआपाड़ा, बालंगीर, कालाहांडी, के लाखों ओडियाभाषी मजबूर होकर अपनी मातृभूमि और जन्मभूमि को छोड़कर देशभर में पलायन करना पड़ा। लाखों ओडियाभाषी आज भी पलायन का दंश सह रहे है । उन्होंने कहा सरकार की उपेक्षा और उदासीनता के कारण ही पश्चिम ओडिशा विकास के मुख्य धारा में नहीं जुड़ सका, संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार, मूलभूत सुविधा बिजली, पानी, सड़क, संचार सुविधा, अच्छे स्कूल, कॉलेज, रोजगार के लिए आज भी पश्चिम ओडिशा के लोग तरस रहे हैं, लगभग एक दशक से भी अधिक समय से यहाँ पर पृथक कौशल राज्य की मांग भी जोरों पर है ऐसे में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का काँटाबाज़ी से चुनाव लड़ना स्पष्ट है कि वो क्षेत्र को लेकर गम्भीर है। पश्चिम ओड़िशा में परिवर्तन की लहर है।
विकास की मुख्यधारा से जोड़ने पर ही बदलेगी लाखों करोड़ों लोगों की तक़दीर और तस्वीर
ज्ञात हो कि आर्थिक रूप से पिछड़े पश्चिम ओड़िशा के विकास के लिए 11 नवंबर 1998 को पश्चिमी ओडिशा विकास परिषद का गठन किया गया जिसमें 10 जिले क्रमश: बरगढ़, बोलांगीर, बौध, देवगढ़, झारसुगुड़ा, कालाहांडी, नुआपाड़ा, संबलपुर, सुबरनपुर, सुंदरगढ़ और अंगुल जिले के अथमालिक सबडिवीजन आता है। परिषद राज्य सरकार से प्राप्त अनुदान पर क्षेत्र के लिए अपना वार्षिक बजट तैयार करती है। परिषद को वित्तीय वर्ष 2008-09 से सालाना 100 करोड़ रुपये का अनुदान मिलता है। परिषद के अधीन आने वाले 89 ब्लॉकों में से 34 ब्लॉकों को अति पिछड़ा और 25 पिछड़ा ब्लॉक के रूप में चयनित किया गया है फिर विकास के मुख्य मुख्य धारा से जुड़ने तरस रहा है पश्चिम ओड़िशा। पश्चिम ओड़िशा को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने पर ही बदलेगी लाखों करोड़ों लोगों की तक़दीर और तस्वीर।