सभी नक्सली पुलिस की पुनर्वास नीति से प्रभावित- एसपी
जितेंद्र यादव ने कहा कि सभी नक्सली पुलिस की पुनर्वास नीति से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले 33 कैडरों में से दो महिलाएं भी शामिल हैं, जो माओवादियों की गंगालूर क्षेत्र समिति के तहत अलग-अलग संगठनों में सक्रिय थीं।
बताई यह वजह
33 नक्सलियों ने किया समर्पण करते हुए हार्डकोर नक्सलियों पर दबाव एंव प्रताड़ित करने का आरोप लगाया हैं। आत्मसमर्पित नक्सली सड़क काट कर मार्ग अवरुद्ध एवं बम विस्फोट करने का काम किया करते थे,
पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सली कई समय से मुख्यधारा में आना चाह रहे थे, अब पुलिस ने भी एक रणनीति तैयार की है, नये कैप खुले हैं, नक्सली विरोधी अभियान पुलिस ने तेज की हैं, जिसका परिणाम अब तक संतोष जनक लग रहा हैं। गंगालूर कों नक्सलीयों का गढ़ माना जाता हैं जो अब नक्सलीयों के जनताना सरकार अध्यक्ष समेत कई बड़े लीडर मुख्यधारा में आ रहे हैं या गिरफ्तार भी हो रहे हैं, जो अच्छा संकेत के रूप में देखा जा रहा हैं, जिससे विकास में बल मिलगा और विकास गांव गांव तक पहुंचा पाएंगे।
राजू हेमला, सामो कर्मा और सुदरू पुनेम पर था इनाम
जानकारी देते बताया गया है कि 35 साल का राजू हेमला उर्फ ठाकुर पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी की बटालियन एक का सदस्य है। सामो कर्मा, प्लाटून एक सदस्य है। उन्होंने बताया कि इन दोनों पर दो-दो लाख रुपये का इनाम था। एसपी जितेंद्र यादव ने बताया कि माओवादियों की क्रांतिकारी पार्टी समिति जनता सरकार के प्रमुख सुदरू पुनेम पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।
आत्मसमर्पण करने वाले हर नक्सली को 25,000 दिए गए
पुलिस ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले हर नक्सली को 25,000 रुपये दिए गए और सरकार की नीति के मुताबिक उनका पुनर्वास किया जाएगा। बता दें कि इस साल बीजापुर में अब तक 109 नक्सली हिंसा छोड़ चुके हैं, जबकि 189 को गिरफ्तार किया गया है।