गर्मी अपने शबाब पर है. पारा आसमान छू रहा है और आसमान लू बरसा रहा है. सब बेहाल हैं. स्वास्थ्य विभाग भी कह रहा है अभी संभल कर रहें. गर्मी में निकलने से बचें और अगर निकलें तो सारे बंदोबस्त कर लें. स्वास्थ्य विभाग ने फिर से अलर्ट और अस्पतालों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है.
लू से बचाव के लिये ये सावधानी बरतें
-बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा अत्यावश्यक होने पर ही करें.
-खाली पेट यानि बिना भोजन किये बाहर न निकलें. भोजन करके एवं पानी पी कर ही बाहर निकलें.
-सड़े-गले फल और बासी सब्जियों का उपयोग हरगिज ना करें.
-गर्दन के पिछले भाग, कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढांक कर ही धूप में निकलें. रंगीन चश्मे और छतरी का प्रयोग करें.
-गर्मी मे हमेशा पानी और पेय पदार्थो जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करते रहें.
-अकाल राहत कार्यों पर अथवा श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया और पानी का इंतजाम किया जाए, ताकि श्रमिक थोड़ी-थोड़ी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें.
-कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें
लू के लक्षण
सीएमएचओ डॉ. तंवर ने बताया शरीर में नमक और पानी कम होने पर लू लग सकती है. लू लगने के ये लक्षण हैं
-सिर में भारीपन और सिरदर्द. अधिक प्यास लगाना और शरीर में भारीपन के साथ थकावट.जी मिचलाना, सिर चकराना और- शरीर का तापमान बढ़ना (105 एफ या अधिक).
-पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना और त्वचा का सूखा होना.
-अत्यधिक प्यास लगना, बेहोशी जैसी स्थिति का होना.
क्या है लू तापघात ?
डिप्टी सीएमएचओ स्वास्थ्य डॉ लोकेश गुप्ता ने बताया चिकित्सकीय दृष्टि से लू तापघात के लक्षण शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाना है. मस्तिष्क का एक केंद्र जो आपके शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है. लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिनियों में टूट जाती हैं और कोशिकाओं में जो पोटेशियम लवण होता है वह रक्त संचार में आ जाता है. इससे ह्रदय गति, शरीर के अन्य अंग और अवयव प्रभावित होकर लू के रोगी को मौत के मुंह में धकेल देते हैं.