Ajad Bhart Ka Pahla Loksabha Chunav : अंग्रेजों की गुलामी से आजाद होने के बाद भारत का पहला लोकसभा चुनाव 1951-1952 में हुआ था। यह चुनाव भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था। चुनाव अक्टूबर 1951 से लेकर फरवरी 1952 तक, लगभग चार महीने चले थे। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के किन्नौर निवासी श्याम सरन नेगी पहले मतदाता थे.
कैसे हुआ था पहला लोकसभा चुनाव?
मतदान प्रक्रिया
– चुनावों में कुल 489 सीटों के लिए चुनाव हुए थे।
– सभी वयस्क नागरिकों को वोट देने का अधिकार था, जिनकी आयु 21 वर्ष या उससे अधिक थी।
– देश भर में 1,73,212 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
– चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों ने विभिन्न जनसभाओं, रैलियों और घर-घर जाकर प्रचार किया था।
मतदान का तरीका
– मतपत्रों का उपयोग किया गया था।
– मतदाताओं को उनकी उंगली पर स्याही लगाकर चिह्नित किया गया था ताकि वे दोबारा मतदान न कर सकें।
– मतदान प्रतिशत काफी अच्छा था, लगभग 45.7% मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।
चुनाव परिणाम
– भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारी बहुमत से जीत हासिल की। उन्होंने 489 में से 364 सीटें जीतीं।
– पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधानमंत्री बने।
यह चुनाव भारतीय लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे लोकतंत्र की नींव मजबूत हुई और जनता ने पहली बार अपनी सरकार चुनने का अनुभव किया। इस प्रक्रिया ने भारतीय राजनीतिक प्रणाली को स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।