ग्रैंड न्यूज़ डेस्क। Jairam Ramesh : चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश के जवाब देने के लिए एक सप्ताह का समय मांगने के अनुरोध को खारिज कर दिया, चुनाव आयोग ने उनसे आज शाम 7 बजे तक जवाब देने को कहा है. इससे पहले आयोग ने उनके 2 जून की शाम तक जवाब मांगा था।
क्या है मामला
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया था कि गृह मंत्री अमित शाह जिलाधिकारियों या कलेक्टरों को फोन कर रहे हैं और उन्हें खुलेआम डराने-धमकाने में लगे हैं. कांग्रेस महासचिव ने कुछ दिन पहले एक्स पर पोस्ट किया था, निवर्तमान गृहमंत्री जिला कलेक्टर से फोन पर बात कर रहे हैं. अब तक 150 अफसरों से बात हो चुकी है. अफसरों को इस तरह से खुल्लमखुल्ला धमकाने की कोशिश निहायत ही शर्मनाक है एवं अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा, याद रखिए कि लोकतंत्र जनादेश से चलता है, धमकियों से नहीं. जून 4 को जनादेश के अनुसार नरेन्द्र मोदी, अमित शाह व भाजपा सत्ता से बाहर होंगे एवं ‘इंडिया जनबंधन’ विजयी होगा. अफसरों को किसी प्रकार के दबाव में नहीं आना चाहिए व संविधान की रक्षा करनी चाहिए. वे निगरानी में हैं।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने आगे की कार्रवाई के लिए मांगा सबूत
मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सोमवार को विपक्ष को चुनौती दी कि वे उन आरोपों के साक्ष्य साझा करें जिनमें कहा गया है कि निर्वाचन अधिकारियों और जिलाधिकारियों को चुनाव प्रक्रिया को दूषित करने के लिए प्रभावित किया गया था, ताकि आयोग उनके खिलाफ कार्रवाई कर सके.
अफवाह फैलाकर सभी को संदेह के घेरे में नहीं ला सकते : चुनाव आयोग
राजीव कुमार ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विपक्ष को मतगणना शुरू होने से पहले चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की कोशिश करने वालों के बारे में भी आयोग को बताना चाहिए. राजीव कुमार ने कहा, आप अफवाह फैलाकर सभी को संदेह के घेरे में नहीं ला सकते. उन्होंने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आयोग ने चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने के किसी भी विदेशी प्रयास से निपटने के लिए तैयारी की थी, लेकिन ये आरोप देश के भीतर से ही आए हैं.
हमारे निर्देश कोई मजाक नहीं : चुनाव आयोग
राजीव कुमार ने कहा, यह प्रक्रिया 70 सालों से चल रही है. हमने हर निर्वाचन अधिकारी/सहायक निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिए हैं. ये हमारे आदेश हैं और ये कोई मजाक नहीं है. सभी को हैंडबुक/नियमावली का पालन करने का निर्देश दिया गया है. कुमार ने स्वीकार किया कि निर्वाचन आयोग चुनाव प्रक्रिया के दौरान फैलाए गए शरारतपूर्ण विमर्श का मुकाबला करने में विफल रहा है.