बड़वाह | Sundar Dham Ashram: निमाड़ की भीषण गर्मी में जब तापमान 40 डिग्री के ऊपर हो तब लोगों का घर के अंदर सुकून से बैठना भी मुश्किल होता है। ऐसे समय में संतों की कठोर तपस्या की यह तस्वीर आपकों को हैरान कर सकती है। बड़वाह के निकट नावघाट खेडी स्थित मां नर्मदा के उत्तर तट पर सुंदरधाम आश्रम में संतों की कोठ खप्पर धुनी तपस्या चल रही है। श्री श्री 108 नारायण दास जी महाराज ने बताया की कोठ खप्पर तपस्या बंसत पंचमी से प्रारंभ होकर गंगा दशहरे तक चौमासा चलती है। जिसमें प्रतिदिन तपती धूम के बीच दोपहर 12 से 3 बजे तक बालकदास जी महाराज सहित उनके सानिध्य में कई संत अलग-अलग जलते कंडों का घेरा बनाकर बीच में बैठ कर अपने सिर पर भी जलता हुआ। खप्पर रखकर जप तप करते हुए ईश्वर की आराधना करते है।
सुंदरधाम आश्रम डेहरिया में यह परम्परा ब्रह्मलीन संत सुन्दरदास जी महाराज के समय से चली आ रही है। स्वयं ब्रह्मलीन संत सुन्दरदास जी महाराज ने यह तप किया था। वर्तमान में गादीपति महंत बालकदास जी महाराज द्वारा यह कठोर कोठ खप्पर तप किया जा रहा है। यह तप बसंत पंचमी से प्रारंभ होकर गंगा दशमी तक चार माह तक चलता है। पश्च्यात गंगा दशहरे पर विष्णु महायज्ञ की पूर्ण आहुति के साथ इसका समापन होता है। तप का उद्देश्य विश्व में सुख शांति हे। इस वर्ष भी 10 जून से 16 जून तक विश्व शांति हेतु विष्णु महायज्ञ प्रात 8 बजे से दोपहर 3 बजे तक किया जाएगा। मां नर्मदा जी का अभिषेक एवम पूजन प्रतिदिन प्रात 5 बजे से 8 बजे तक किया जाएगा। साथ ही सायंकाल 7 बजे नर्मदा जी की प्रतिदिन महाआरती होगी। सप्त दिवसीय संगीतमय श्री राम कथा भी आश्रम में ही सुसज्जित पंडाल में दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक कथा वाचक पंडित श्री श्याम जी मनावत द्वारा की जावेगी।