PM मोदी आज भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर लगातार तीसरी बार शपथ लेंगे. इस शपथ समारोह में कई देशों के शीर्ष नेता शामिल होने के लिए भारत पहुंच रहे हैं. वैश्विक नेताओं का भारत आगमन न सिर्फ एक यात्रा के तौर पर देखा जा रहा है बल्कि इसके कूटनीतिक मायने भी हैं
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श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुईज्जू, सेशेल्स के उपराष्ट्रपति अहमद अफिफ, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ और भूटान के प्रधानमंत्री त्शेरिंग तोबगे इस समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली में मौजूद होंगे.शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के अलावा, ये नेता उसी शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भवन में आयोजित भोज में भी शामिल होंगे. माना ये भी जा रहा है कि इन राष्ट्राध्यक्षों के साथ पीएम मोदी की द्विपक्षीय बातचीत भी हो सकती है.
देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने
तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण में इन नेताओं की उपस्थिति भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति और ‘सागर’ नीति को उच्च प्राथमिकता देने के साथ देखा जा रहा है. यह भारत की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करने और अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और ज्यादा गहरा करने के लिए महत्वपूर्ण है. इन नेताओं का आगमन भारत और इन देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने के भारत के प्रयासों का प्रतीक है.
पुलिस और एनएसजी के कमांडो रहेंगे तैनात
समारोह के दिन दिल्ली पुलिस के स्वाट और एनएसजी के कमांडो राष्ट्रपति भवन एवं विभिन्न अहम स्थानों के आसपास तैनात रहेंगे. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने समारोह के मद्देनजर सुरक्षा योजना बनाने के लिए पुलिस मुख्यालय और नई दिल्ली जिले में कई बैठकें की. शपथ ग्रहण राष्ट्रपति भवन के अंदर होना है, इसलिए परिसर के अंदर और बाहर तीन-स्तरीय सुरक्षा होगी. ‘बाहरी घेरे’ पर दिल्ली पुलिस के जवान तैनात रहेंगे, उसके बाद अर्धसैनिक बल के जवान और ‘भीतरी घेरे’ में राष्ट्रपति भवन की आंतरिक सुरक्षा के जवान तैनात रहेंगे.