नीरज तिवारी, रायगढ़। Raigarh News : किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय में अवस्था और लापरवाही काफी है।अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ निर्धारित समय दोपहर 1 बजे से पहले ही अपना चेंबर छोड़कर भोजन करने घर चले जाते हैं। जिस कारण दूर दराज से इलाज कराने आने वाले मरीज को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है।
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शरीर में खून की कमी होने पर लैलूंगा से बस में सवार होकर आए सरजू खड़िया ने बताया कि, वह सुबह बस में बैठकर रायगढ़ पहुंचा था। जहां से वह इलाज कराने जिला अस्पताल आया। अस्पताल आने पर उसे डॉक्टर ने कुछ जांच करने के लिए कहा। जांच रिपोर्ट उसे 12.40 बजे प्राप्त हुई। जांच रिपोर्ट लेकर वह भागता हुआ जब ओपीडी में डॉक्टर के पास पहुंचा तो पता चला कि डॉक्टर लंच में चले गए हैं। घड़ी पर नजर गई तो उसने देखा कि घड़ी में 1 बजने में कुछ समय शेष था।
इसकी पड़ताल जब ग्रैंड न्यूज़ की टीम ने की तब अस्पताल में लगभग सभी ओपीडी कमरे में दरवाजा बंद था और सभी डॉक्टर, कंपाउंडर और स्टाफ नदारत थे। इस संबंध में जब सिविल सर्जन से चर्चा करने का प्रयास किया गया तब पता चला कि वह भी 1 से पहले ही अस्पताल से निकल चुके हैं। हालांकि इलाज में गड़बड़ी किए जाने के डर से ग्रामीण सरजू ने कैमरा के सामने कुछ बोलने से इनकार कर दिया, लेकिन दूर दराज ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले मरीज के साथ अक्सर इस तरह होता है। जिससे ग्रामीण परेशान होकर झोलाछाप डॉक्टर के पास जाने को मजबूर होते हैं।
शहर से करीब 100 किलोमीटर दूर से आए सरजू को उपस्थित स्टाफ और गार्ड ने शाम 5 बजे के बाद अस्पताल खुलने की बात कही, जिससे वह अपने परिवार के साथ भीषण गर्मी में दोपहर भर अस्पताल परिसर में भटकता रहा।