राजू वर्मा। Baloda Bazar Protest : छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार छत्तीसगढ़ के किसी जिले में कलेक्टर-एसपी कार्यालय को उग्र भीड़ ने जलाकर फूंक डाला। प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा रहा। उग्र भीड़ सब कुछ तहस-नहस करती रही। हालात बेकाबू होते देर नहीं लगी। कलेक्टर-एसपी कार्यालय में खड़ी गाड़ियों पर भी भीड़ कहर बनकर टूटी। सैकड़ों गाड़ियां जलाकर खाक कर दी गई। नाराज सतनामी समाज की उग्र भीड़ ने जमकर पत्थर बरसाए। इस घटना में दर्जन भर से ज्यादा लोग चोटिल हो गए हैं। इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने बलौदाबाजार शहर में आईपीसी के अंतर्गत धारा-144 लागू कर दी है. वहीं, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से मामले की जानकारी ली और इस पर रिपोर्ट मांगी है. वहीं अब तक सतनामी समाज के 100 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी किए जाने की खबर है।
क्या था मामला
15 मई की रात सतनामी समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल कहे जाने वाले गिरौदपुरी धाम के करीब मानाकोनी बस्ती की बाघिन गुफा में लगे धार्मिक प्रतीक चिन्ह जैतखाम को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना इस अंजाम तक पहुंचेगी, इसकी कल्पना भी प्रशासन ने नहीं की थी. जैतखाम को क्षतिग्रस्त किए जाने की घटना के बाद पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. समाज ने कहा कि जेल भेजे गए लोग असली आरोपी नहीं है. समाज ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर प्रदर्शन तेज कर दिया था. इतनी बड़ी घटना के बाद अब सरकार इसके पीछे की वजह तलाश रही है, मगर सवाल उठ रहा है कि एक समाजिक आंदोलन आखिर कैसे हिंसक आदोलन में तब्दील हो गया?
इस हिंसक आंदोलन को किसने हवा दी?
जैतखाम को क्षतिग्रस्त किए जाने के बाद से अब तक आक्रोशित समाज के भीतर चल रही हलचल को आंकने की चूक आखिर प्रशासन ने कैसे कर दी? भीड़ जुटी और एस पी दफ्तर को आग के हवाले कर दिया गया। गया, तब जाकर बवाल के 3 घंटे बाद रात 9 बजे कलेक्टर ने बलोदा बाजार क्षेत्र में धारा-144 का आदेश जारी किया। कंपोजिट बिल्डिंग में 150 से ज्यादा लोग फंसे रहे कलेक्टरेट में आग लगने के बाद करीब 150 लोग विल्डिंग में फंस गए थे। आग बढ़ने के बाद जो फस गए थे उन्हें पीछे से किचन के रास्ते पुलिस बल ने बाहर निकाला। सैकड़ों लोग देर शाम तक मैदान में फसे हुए थे गड़ियां जलने के बाद उनके पास वापस जाने का साधन ही नहीं था।
हिंसक आंदोलन के बाद अब सवाल कलेक्टर-एसपी की भूमिका पर भी उठाए जा रहे हैं. उच्च पदस्थ सूत्रों की माने तो सरकार कलेक्टर-एसपी को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला ले सकती है। घटनास्थल का जायजा लेने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मंत्री दयाल दास बघेल ,मंत्री टंकराम वर्मा कलेक्टररेट परिसर पहुंचे और घटना स्थल का निरीक्षण किया देखे तो सब कुछ जलकर राख हो गया है।
भारी संख्या में गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया है. जिनमे से कुछ अपने काम के लिए कलेक्ट्रेट और दूसरे ऑफिस पहुंचे थे. गरीबों, अधिकारी कर्मचारियों के साथ शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है.पूरी बिल्डिंग जला दी गई. रिकॉर्ड रूम के दस्तावेज जल चुके हैं. इसका आंकलन करना मुश्किल है. सरकारी सम्पत्ति को तबाह करने वाले समाज के नहीं होते, दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. – विजय शर्मा, उपमुख्यमंत्री छत्तीसगढ़
रणनीति के तहत बलौदाबाजार में हिंसा हुई. इसकी जांच होगी. –दयाल दास बघेल, खाद्य मंत्री
षड्यंत्र के तहत बलौदाबाजार की शांति भंग करने की कोशिश : बलौदाबाजार में सुनोयजित तरीके से कलेक्ट्रेट और एसपी दफ्तर में तोड़फोड़ व आगजनी की घटना को अंजाम देने के संकेत मिले हैं. रायपुर से आई एफएसएल की जांच टीम को प्रारंभिक सबूत के रूप में कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर पेट्रोल बम के निशान मिले हैं. साथ ही बड़ी संख्या में पत्थर मिले हैं, जो आसपास के नहीं है, जो सुनियोजित षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहे हैं.
केंदीय एजेंसी से मामले की जांच की मांग
पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है. सतनामी समुदाय ने मांग की है कि इस मामले की स्थानीय पुलिस के बजाय केंद्रीय एजेंसी जांच करे. पुलिस का कहना है कि हमारे पास विरोध और हिंसा के वीडियो फुटेज हैं. जो लोग इसमें शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. परिस्थितियों को देखते हुए बलौदाबाजार क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गयी है. इस दौरान नगरपालिका बलौदाबाजार सीमा क्षेत्र में रैली, जुलूस पर प्रतिबंध रहेगा. पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के समूहों का शहर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. अधिकारियों ने बताया कि यह आदेश आज रात नौ बजे से इस महीने की 16 तारीख को मध्यरात्रि 12 बजे तक जारी रहेगा.