नीट यूजी 2024 को लेकर बड़ी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने नीट काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि अदालत ने माना कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है. इस मामले में शीर्ष अदालत ने नेशनल टेस्टिंग को नोटिस जारी किया है. अदालत ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है, हमें इस पर एनटीए से जवाब चाहिए.
कोर्ट ने सुनवाई करते हुए इस याचिका को दूसरी याचिकाओं के साथ जोड़ दिया. मामले पर अगली सुनवाई अब आठ जुलाई को होगी। बता दे नीट परीक्षा (NEET 2024) परिणाम में कथित गड़बड़ी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली गई थी। याचिका में 1 हजार 563 उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने के फैसले को चुनौती दी गई है। याचिका में परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है. नीट परीक्षा में एक साथ 67 स्टूडेंट्स ने टॉप किया है. इस परीक्षा में हुई धांधली को लेकर सोमवार को बड़ी संख्या में छात्रों ने दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया।
कोई पेपर नहीं हुआ लीक: एनटीए
इससे पहले एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह ने परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर उठ रहे सवालों पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था,”हमारी समिति की बैठक हुई और उन्होंने केंद्रों और सीसीटीवी के सभी विवरणों का अध्ययन किया।उन्होंने आगे कहा कि एनटीए को पता चला कि कुछ केंद्रों पर समय बर्बाद हुआ और छात्रों को इसके लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए। छात्रों की शिकायतों पर समिति विचार करेगी। वहीं, गड़बड़ियों का समाधान निकाला जाएगा।”
याचिकाकर्ता ने क्या दी दलील?
छात्रों की सहायता और फायदे के लिए काम करने वाले एक संगठन के दो सदस्यों द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि नीट के पेपर लीक की खबर ने उन्हें अंदर तक झकझोर कर रख दिया है क्योंकि कई मेधावी छात्रों ने भविष्य में डॉक्टर बनने का अवसर खो दिया है।याचिका में आगे कहा गया है,”याचिकाकर्ता केवल पीड़ित छात्रों को न्याय दिलाने के उद्देश्य से वर्तमान याचिका दायर कर रहे हैं, जिन्होंने अपने-अपने परिवार के सदस्यों की सहायता से अपना पूरा समय, गाढ़ी कमाई और ऊर्जा नीट, 2024 की तैयारी में लगाई थी, लेकिन उन्हें समान अवसर नहीं दिया गया।”याचिका के मुताबिक, कुछ छात्रों ने 718 और 719 अंक हासिल किए हैं, जो सांख्यिकीय रूप से संभव नहीं है। परीक्षा का पूरा संचालन विवेकहीन एवं मनमाने तरीके और छात्रों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से किया गया।