रायपुर | CG Poltical News: छत्तीसगढ़ भाजपा के वरिष्ठ नेता और रायपुर दक्षिण के विधायक बृजमोहन अग्रवाल अब सांसद बन गए हैं। उनके सांसद बनने के बाद रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट खाली हो गई है। चर्चा है कि प्रदेश में साल के अंत में नगरीय निकाय चुनावों के साथ-साथ विधानसभा उपचुनाव भी हो सकते हैं। इस संभावित उपचुनाव के चलते भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेता अपनी दावेदारी को मजबूत करने में जुट गए हैं।
छत्तीसगढ़ बनने के बाद से रायपुर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में बृजमोहन अग्रवाल का एकछत्र राज रहा है। उनके रहते हुए इस सीट से किसी और को भाजपा का टिकट नहीं मिला। पहली बार उनके सांसद बनने के बाद इस सीट से कई दावेदार सामने आ रहे हैं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद इस सीट पर भाजपा के लिए नए चेहरे की तलाश चुनौतीपूर्ण होगी। वहीं कांग्रेस भी इस सीट पर अपने मजबूत उम्मीदवार को मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है। अब देखना यह होगा कि इस उपचुनाव में कौन सी पार्टी बाजी मारती है और किसे जनता का समर्थन मिलता है।
पार्टी बृजमोहन अग्रवाल से पूछ सकती है पसंद
बृजमोहन अग्रवाल के दबदबे वाली इस सीट पर संभवत: पार्टी उनको नजर-अंदाज नहीं कर सकेगी। ऐसे में माना तो यह भी जा रहा है कि इस सीट से किसी को टिकट देने से पहले पार्टी बृजमोहन अग्रवाल से भी उनकी मंशा पूछ सकती है। इसके बाद उनकी पसंद के प्रत्याशी को मैदान में उतारा जा सकता है।
संघ पदाधिकारियों से मिल रहे नेता
भाजपा के कुछ नेताओं के संघ पदाधिकारियों से भी मिलने की खबर है। नगर निगम स्तर के नेता लगातार संपर्क साध रहे हैं। कोशिश ये भी की जा रही है कि बृजमोहन ही किसी का नाम आगे बढ़ा दें। मगर नतीजों के बाद बृजमोहन इस पर संगठन के किसी नेता से चर्चा नहीं कर पाएं हैं।
ये हैं भाजपा के दावेदार
सुनील सोनी
पूर्व सांसद सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। ये महापौर भी रह चुके हैं। शहर के बीच लोगों से कनेक्ट रहे हैं। बृजमोहन अग्रवाल के करीबी माने जाते हैं।
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सुभाष तिवारी
रायपुर नगर निगम में सीनियर पार्षद हैं। बृजमोहन अग्रवाल की सियासी टीम का अहम हिस्सा रहे हैं। उनके बाद भाजपा में सेकेंड लाइन के नेताओं में सबसे सीनियर हैं।
मृत्युंजय दुबे
शहर दक्षिण के ही सुंदरलाल शर्मा वार्ड से 3 बार निर्दलीय पार्षद चुने गए हैं। कांग्रेस नेताओं को भी हरा चुके हैं। अब भाजपा में सक्रिय हैं तो पार्टी भरोसा कर सकती है।
केदारनाथ गुप्ता
वरिष्ठ भाजपा नेता हैं। व्यापारी वर्ग में पकड़ है। बृजमोहन के गुड बुक्स में इनका नाम भी रहा है। दो बार रायपुर उत्तर से टिकट दिए जाने की चर्चा रही, लेकिन बात नहीं बन सकी।
मनोज वर्मा
रायपुर नगर निगम में उपनेता प्रतिपक्ष हैं। लगातार विधायक का चुनाव लड़ने का प्रयास कर रहे हैं। जोर आजमाइश करते हुए लगातार नेताओं से संपर्क कर रहे हैं।
ये हैं कांग्रेस के दावेदार
कन्हैया अग्रवाल
बृजमोहन के खिलाफ 2018 में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन 14 हजार वोटों के अंतर से हार गए थे। कांग्रेस इन्हें दोबारा मौका दे सकती है।
प्रमोद दुबे
रायपुर के मेयर रह चुके हैं और अभी निगम में सभापति हैं। इससे पहले 2019 का लोकसभा चुनाव भी रायपुर से लड़ चुके हैं, लेकिन हार गए थे।
सन्नी अग्रवाल
विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट वितरण से पहले क्षेत्र में जमकर पैसे खर्च किए। काफी सक्रिय रहे। हालांकि पार्टी ने दूधाधारी मठ के महंत राम सुंदर दास को टिकट दे दिया था।