बीजापुर | CG News: जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर बुरजी ग्राम पंचायत का गांव डुमरीपालनार भी बरसो-बरस माओवादी गतिविधियों से प्रभावित रहा है. नियद नेल्लानार योजना के कारण अब इस गांव में विकास की बयार बहने लगी है. डुमरीपालनार में सुरक्षा कैम्प की स्थापना और आवागमन के लिए बनी सड़क ने ग्रामीणों के दिलों को शासन-प्रशासन से जोड़ दिया है।
ग्रामीणों ने अब माओवादियों की भय और आतंक की चादर को उतार फेंका है.गांवों में बुनियादी सुविधाओं के विकास की बातें होने लगी है. बैलाडीला पहाड़ियों से निकलने वाले लाल दूषित पानी को पीने को मजबूर डुमरीपालनार के ग्रामीणों को अब स्वच्छ पेयजल मिलने लगा है. प्रशासन ने इस गांव में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 5 हैण्डपंप भी लगवा दिए है.
बीजापुर के गंगालूर, पुसनार, हिरोली सड़क मार्ग से होते हुए डुमरीपालनार पहुंचने पर यह स्पष्ट रूप से पता चलता है कि इस गांव की तस्वीर और ग्रामीणों की तकदीर बदलने में शासन के प्रयास प्रभावी साबित होंगे. ग्रामीणों में विकास के प्रति जागरूकता और आत्मविश्वास बढ़ा है. डुमरीपालनार गांव में स्कूल फिर चलें अभियान को लेकर ग्रामीणों में उत्साह है. ग्रामीणों ने स्थानीय संसाधन से बच्चों के पढ़ने के लिए अधोसंरचना भी निर्मित की है. ग्रामीणजन स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, राशन जैसी शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए बेखौफ आगे आने लगे है.