भिलाई | Samuhik Vivah : दुर्ग जिले में 16 जून को 301 गरीब दिव्यांग जोड़ों का सामूहिक विवाह कराया गया। यह आयोजन आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्थान द्वारा कराया गया। संस्था ने कार्यक्रम के उद्घाटन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पहुंचे। इस दौरान वहां कई महिलाओं ने जमकर हंगामा किया। उन्होंने आरोप लगाया समूहिक विवाह में पंजीयन के नाम पर उनसे पैसे लिए गए हैं। साथ ही सकलांगों और शादीशुदा बच्चे वाले महिला पुरुष की शादी कराई गई है।
सामूहिक विवाह में हाउसिंग बोर्ड भिलाई से पहुंची लीना गौड़ ने बताया कि उन्होंने सामूहिक शादी समारोह के लिए फार्म भरा था। उनसे 2600 रुपए लिए गए हैं। बोला गया कि 16 जून को शादी के लिए आना है। जिसने फार्म भरवाया वो बुलाने पर भी नहीं आ रही है। वो खुद अपने पति के साथ दोबारा शादी के मंडप में बैठ गई है। हम लोग 10 लोग यहां आए हैं, जिनसे पैसे लिए गए हैं। माडल टाउन निवासी मालती नाग ने भी बोला की उसकी बेटी की शादी का पंजीयन के लिए पैसा लिया गया है। पैसे लेने 4-5 महिलाओं का ग्रुप आया था। उन्होंने कहा कि शादी के लिए कपड़े, सर्टिफिकेट, बर्तन व अन्य सामान मिलेगा।
आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्था के सदस्य शिवाकात तिवारी ने कहा कि संस्था 19 साल से ये कार्यक्रम करते आ रही है। 301 जोड़ों का आज निशुल्क विवाह किया जा रहा है। जो लोग शादी करना चाहते थे उनसे आवेदन लिया गया, उनकी जांच की गई। यह कार्यक्रम निशुल्क है, किसी से भी कोई शुल्क नहीं लिया गया। अगर कोई बाहरी आदमी आकर ऐसा करता है तो संस्था क्या करेगी।
महिलाओं का आरोप संस्था के लोगों से मिलकर लिया गया है पैसा
सेक्टर 2 की रहने वाली मारिया का आरोप है कि संस्था के लोग झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई बाहरी आदमी नहीं है पैसा लेने वाला। जिस महिला ने पैसे लिए हैं वो सेक्टर 2 की रहने वाली है। वो सेक्टर 2 के पार्षद के कार्यालय में बैठती है। उसने 25-30 लोगों का फार्म भरकर सभी से 2-2 हजार रुपए लिया है। इसके बाद फोन करके सभी को यहां बुलाया है। अब खुद तो शादी करने मंडप में बैठ गई है और जो वास्तव में शादी करने आए हैं उन्हें बाहर खड़ा करा दिया गया है। संस्था को इन सारी चीजों की जांच करनी चाहिए।
कोई ये सिद्ध करके दिखाए कि संस्था ने पैसा लिया है
आस्था बहुउद्देशीय कल्याण संस्था के संरक्षक रामफल शर्मा का कहना है कि कोई ये कह दे कि संस्था ने पैसा लेकर किसी शादी कराई है तो संस्था ये काम करना ही बंद कर देगी। संस्था इतनी निंदनीय कार्य नहीं करती है। संस्था के संज्ञान में आया है कि सेक्टर 2 की कोई जोया नाम की महिला है उसने पैसा लिया है। हम उसके खिलाफ पुलिस में लिखित शिकायत दे चुके हैं। पुलिस मामले की जांच करेगी और कार्रवाई करेगी। अभी सीएम सर गए हैं। हमे जानकारी मिली है। हम इसकी जांच करेंगे। रामफल शर्मा ने कहा कि संस्था से कुछ चूक हुई है, जिसका फायदा लोगों ने उठाया है। आगे से ऐसा नहीं होने दिया जाएगा।
ठग महिला ने पैसे लेने के साथ की दोबारा शादी
सेक्टर 2 निवासी जोया ने मीडिया के पूछने पर अपना नाम वीणा बताया। उसने पहले बात को गुमराह करने की कोशिश की। उसके बाद बोला कि उसने कुछ लोगों से 2-2 हजार रुपए लिए हैं। महिला का कहना है कि उसकी नियम से शादी नहीं हुई थी। इसलिए वो अपने पति के साथ दोबारा शादी कर रही है। इसी दौरान एक महिला वहां पहुंची और ठग महिला को मारते मारेत छोड़ी। उसने कहा कि यदि उसका पैसा वापस नहीं किया तो वो उसे मारेगी।
धोखाधड़ी के बाद भी पति को सूझा मजाक
महिला का पति उमेश्वर प्रसाद सोनवानी महिला जोया से भी तेज निकला। जब उससे पूछा गया कि वो दूसरी शादी क्यों कर रहा है तो उसने कहा कि ये उसकी तीसरी शादी है। इसके बाद उसने कहा कि वो मीडिया से मजाक कर रहा है। उसने कहा उसने जानबूछ कर शादी नहीं किया। उसे बुलाया गया तो वो शादी करने आया है। युवक ने संस्था के ऊपर आरोप लगाया कि संस्था के लोगों ने सारे कागज और आधार कार्ड चेक किया। अगर संस्था के लोगों ने नहीं भेजा होता तो वो यहां कैसे आ गया।
चंद पैसे और सामान के लालच में करते हैं कई बार शादी
संस्था के लोगों का कहना है कि संस्था की ओर से शादीशुदा जोड़ों को चांदी की पायल, बिछिया, गिफ्ट, घर के उपयोग में आने वाले बर्तन, कुछ नगद और शादी का जोड़ा दिया जाता है। इसके साथ महिला बाल विकास विभाग की तरफ से उन्हें कुछ राशि दी जाती है। इसी के लालच में संस्था के लोग छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों से गरीब लोगों को लाते हैं और और उनका दोबारा तिबारा विवाह करवा देते हैं।
महिला बाल विकास विभाग की भूमिका भी संदिग्ध
आपको बता दें कि अखिल भारतीय निर्धन द्वियांग सामूहिक आदर्श विवाह समारोह 2024 के विवाह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और दुर्ग विधायक गजेंद्र यादव सहित जिले के बड़े अधिकारी पहुंचे थे। महिला बाल विकास विभाग ने सभी शादी होने वाले जोड़ों का वेरी फिकेशन किया था। कार्यक्रम से एक दिन पहले 15 जून को विभाग ने 18 फर्जी जोड़ों को पकड़ा और उनका पंजीयन समाप्त किया। इसके बाद भी 50 जोड़े शादी समारोह में ऐसे मिले जो ठगी का शिकार हुए, या दोबारा तिबारा शादी सकलांग होने के बाद भी किए हैं। इससे महिला बाल विकास विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।