ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि मंगलवार को निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा।शास्त्रों के अनुसार उदया तिथि यानी आज ही निर्जला एकादशी व्रत रखा जाएगा।
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निर्जला एकादशी व्रत को सभी 24 एकादशियों में से श्रेष्ठ माना जाता है। यह व्रत सभी एकादशियों में सबसे कठोर माना जाता है। इस व्रत को सूर्य उदय से सूर्यास्त तक बिना अन्न और जल के रखा जाता है। निर्जला एकादशी व्रत रखकर पारण करने से अक्षय फल प्राप्त होता है। राधा-कृष्ण मंदिर के पुजारी उमेश चंद्र नौटियाल ने बताया कि ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 17 जून सुबह 4:44 बजे शुरू होगी।
डेट और शुभ मुहूर्त (Nirjala Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 17 जून को सुबह 04 बजकर 43 मिनट से हो गया है। वहीं, इसका समापन 18 जून को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का अधिक महत्व है। ऐसे में निर्जला एकादशी व्रत 18 जून को रखा जाएगा।
पूजा विधि (Nirjala Ekadashi Puja Vidhi)
एकादशी के दिन सुबह उठें और दिन की शुरुआत श्री हरि के ध्यान से करें।
इसके बाद स्नान कर पीले वस्त्र धारण करें।
गंगाजल का छिड़काव कर मंदिर की सफाई करें।
चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें।
प्रभु को पीले चंदन और हल्दी कुमकुम का तिलक लगाएं।
मां लक्ष्मी को श्रृंगार की चीजें अर्पित करें।
घी का दीपक जलाकर प्रभु की आरती करें और मंत्र का जाप करें।
विष्णु चालीसा का पाठ करना फलदायी माना जाता है।
अंत में प्रभु को केले, मिठाई और पंचामृत का भोग लगाएं।
लोगों में प्रसाद का वितरण करें।
अगले दिन व्रत का पारण करें।