- दस्तावेज की कमी को आधार बनाते हुए हितग्राही को वापस न लौटाएं
- श्रम मंत्री ने विभागीय काम-काज की समीक्षा की
रायपुर। Chhattisgarh News : श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कहा है कि प्रदेश के शत्-प्रतिशत श्रमिकों को शासन की योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। श्रमिकों के हित को प्राथमिकता में लेते हुए संवेदनशीलता के साथ कार्य किया जाए। जिससे श्रमिकों के जीवन स्तर में बेहतर सुधार हो सके। इस आशय के निर्देश श्रम मंत्री देवांगन ने विभागीय काम-काज की समीक्षा बैठक में दिए।
बैठक नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में श्रमायुक्त एवं सह-सचिव अलरमेल मंगई डी, छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल की सचिव सविता मिश्रा, अपर श्रम आयुक्त एस. एल जांगड़े सहित जिलों से आए श्रम विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
श्रम मंत्री ने औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संचालनालय से जुड़े अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि अत्याधिक जोखिम तथा जोखिम श्रेणी के कारखानों के निरीक्षण प्रत्येक वर्ष 2 से 3 बार किए जाने तथा निरीक्षण के दौरान स्वीकृत नक्शों के अनुरूप कारखाना निर्मित नहीं होने एवं कारखानों में दिए जाने प्रशिक्षण करने संबंध में निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में पूर्ण 6,386 कारखानें है जिनमें 922 जोखिम श्रेणी के कारखानें के रूप में चिन्हित किया गया है। श्रम मंत्री ने निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए प्रदेश में निःशुल्क कोचिंग सहायता योजना का अधिक से अधिक लाभ दिलाए जाने के निर्देश दिए।
श्रम मंत्री देवांगन ने बैठक में लंबित मामलों का 15 दिवस के भीतर निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदेश के कुछ जिलों में श्रमिकों के पंजीयन फार्म को निरस्त कर दिया गया है। श्रमिको से अन्य जरूरी दस्तावेज लेकर पंजीयन की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी कर ली जावे। अधिकारीगण यह सुनिश्चित करें कि हितग्राही को शासन की योजना का लाभ मिले। दस्तावेज की कमी को आधार बनाते हुए हितग्राही को वापस न लौटाया जाए। श्रमिक बहुल क्षेत्रों में मोबाईल कैम्प लगाकर मजदूरों का पंजीयन करने की प्रक्रिया पूर्ण करें। मजदूर बिना पंजीयन के किसी भी साईट में काम ना करें। मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि 15 दिवस के भीतर जिलेवार योजना की समीक्षा की जाए और यदि इसके बाद ही योजना के क्रियान्वयन में प्रगति नहीं आई तो इसके लिए संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
मंत्री देवांगन ने कहा कि श्रमिकों के लिए किफायती दर पर शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना संचालित की जा रही है। अधिकारी अन्नपूर्णा दाल-भात केन्द्रों का निरीक्षण करें और वहां जाकर स्वयं भोजन कर इसकी गुणवत्ता को भी परखें।