- पति की तालक की अर्जी को हाईकोर्ट ने किया मंजूर
- डिविजन बेंच ने पति को तलाक के लिए माना हकदार
बिलासपुर। Chhattisgarh News : तलाक के एक मामले में हाईकोर्ट (High Court ) के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने कहा है कि पति को अपने माता-पिता से अलग करने के बाद भी पत्नी का व्यवहार ठीक नहीं है तो यह मानसिक क्रूरता है।
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डिवीजन बेंच ने एक प्रकरण में माता-पिता से अभद्रता और 10 साल से पति को अलग करने पर तलाक के आवेदन को मंजूर कर लिया है। साथ ही फैमिली कोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए पति को तलाक का हकदार माना है।कबीरधाम निवासी व्यक्ति की शादी के बाद से दोनों पति पत्नी के बीच विवाद होता था।
वही वह माता पिता के साथ अभद्र व्यवहार भी करती थी।जिसे बाद पति ने हाइकोर्ट में अपील की।जहा हिंदु विवाह अधिनियम 1955 की धारा 13 के तहत वह तलाक का हकदार माना गया और जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस संजय एस अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद पति की अपील को मंजूर कर लिया है। साथ ही फैमिली कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए पति को तलाक पाने का हकदार माना है।