PM Kashmir Visit : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (एसकेआईसीसी) में ‘युवाओं को सशक्त बनाना, जम्मू-कश्मीर में बदलाव लाना’ कार्यक्रम को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में सड़क, जलापूर्ति और उच्च शिक्षा में अवसंरचना क्षेत्र सहित 1,500 करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत वाली कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।उन्होंने 1,800 करोड़ रुपये की लागत वाली कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता वृद्धि परियोजना (जेकेसीआईपी) का भी शुभारंभ किया।श्री मोदी ने 200 नई सरकारी भर्तियों को रोजगार पत्र सौंपने की भी पहल की।इस अवसर परप्रधानमंत्री ने प्रदर्शनी का अवलोकन किया और केंद्र शासित प्रदेश के युवा अचीवरों से संवाद किया।
प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर की अपनी यात्रा को लेकर उत्साह व्यक्त किया और इसके दो विशेष कारण बताए। उन्होंने कहा, “सबसे पहलेआज का कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर में विकास परियोजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास से जुड़ा हुआ है और दूसरा, लोकसभा चुनाव के बाद जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ यह पहली बैठक है।”जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी हालिया यात्रा को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने सरकार के तीन कार्यकाल तक लगातार बने रहने के प्रभाव पर प्रकाश डाला क्योंकि इसने भारत के प्रति दुनिया का नजरिया बदल दिया है।उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों की हमेशा से उच्च आकांक्षाएं ही देश की सबसे बड़ी ताकत रही हैं। उन्होंने कहा कि यह उच्च आकांक्षा सरकार से उच्च उम्मीदों को जन्म देती है और इस पृष्ठभूमि में सरकार का लगातार तीसरा कार्यकाल विशेष है क्योंकि आकांक्षी समाज का एकमात्र मापदंड बेहतरीन कार्य-प्रदर्शन है।उन्होंने कहा, “लोगों को सरकार की नीयत और नीतियों पर भरोसा है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव में लोगों के जनादेश का बड़ा संदेश स्थिरता का है। उन्होंने पिछली सदी के अंतिम दशक में अस्थिर सरकारों के लंबे दौर का उल्लेख किया, जब देश ने 10 वर्षों में 5 चुनावों को देखा, जिसके परिणामस्वरूप विकास ठप्प हो गया था। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उस दौर को पीछे छोड़कर भारत अब स्थिर सरकार के एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है, जिससे लोकतंत्र मजबूत हो रहा है।’’ इसके अलावा उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत बनाने में जम्मू और कश्मीर के लोगों की भूमिका का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “हम आज अटल जी के इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत के सपने को वास्तविकता में बदलते हुए देख रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने हालिया चुनावों में रिकॉर्ड मतदान का उल्लेख करने के साथ लोकतंत्र में जम्मू और कश्मीर की जनता के विश्वास की प्रशंसा की। उन्होंने कहा, “मैं लोकतंत्र का ध्वज ऊंचा रखने के आपके प्रयासों के लिए अपना आभार व्यक्त करने आया हूं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘जम्मू और कश्मीर में परिवर्तन पिछले 10 वर्षों में सरकार के किए गए कार्यों का परिणाम है।’’ उन्होंने उल्लेख किया कि इस क्षेत्र में महिलाएं और निम्न आय वर्ग के लोग अपने अधिकारों से वंचित हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र को अपनाकर युवाओं के लिए अवसर उत्पन्न करने और उनके अधिकारों को बहाल करने की दिशा में काम किया है। प्रधानमंत्री ने इस बात को रेखांकित किया कि पाकिस्तान से आए शरणार्थियों, वाल्मीकि समुदाय के लोगों और सफाई कर्मचारियों के परिवारों को पहली बार मतदान का अधिकार मिला है। इसके अलावा उन्होंने वाल्मीकि समुदाय की लंबे समय से अनुसूचित जाति में शामिल करने की लंबित इच्छा को पूरा करने, अनुसूचित जाति समुदाय के लिए विधानसभा में सीटों का आरक्षण और पद्दारी जनजाति, पहाड़िया जाति, गद्दा ब्राह्मण और कोली समुदाय को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल किए जाने का भी उल्लेख किया। इसके अलावा उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि पंचायत, नगर पालिका और नगर निगम चुनावों में ओबीसी आरक्षण को लागू किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय संविधान की शक्ति और उसके महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह भारत के 140 करोड़ नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करता है और राष्ट्र-निर्माण में भागीदार बनने के अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के संविधान को स्वीकार न करने और स्वतंत्रता के बाद से जम्मू व कश्मीर को लेकर दिखाई गई उपेक्षा पर भी अपना खेद व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने गर्व के साथ कहा, “मुझे प्रसन्नता है कि आज हम भारत के संविधान को जी रहे हैं। संविधान के माध्यम से हम कश्मीर की सूरत बदलने के नए रास्ते खोज रहे हैं।” प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के संविधान को आखिरकार जम्मू और कश्मीर ने सही मायनों में अपना लिया है।” उन्होंने कहा, “अनुच्छेद-370 की दीवार गिरा दी गई हैं।”