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Sant Kabir Das Jayanti 2024: ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय,औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए…

Aarti Beniya
Last updated: 2024/06/22 at 10:41 AM
Aarti Beniya
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2 Min Read
Sant Kabir Das Jayanti 2024: ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय,औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए...
Sant Kabir Das Jayanti 2024: ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय,औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए...
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Sant Kabir Das Jayanti 2024: “ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय,औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए।” ये दोहा सुनते और पढ़ते ही कबीरदास का नाम जुंबा पर आ जाता है। भक्ति काल के विख्यात कवि कबीरदास ने न जाने कितने दोहे और रचनाओं से लोगों को प्रेरणा देने का काम किया है। कबीरदास न सिर्फ एक कवि और लेखक थे बल्कि समाज सुधारक भी थे। बता दें कि कबीरदास के लेखन का भक्ति आंदोलन पर काफी गहरा प्रभाव पड़ा था। प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ पूर्णिमा को संत कबीरदास जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष यह जयंती जून माह की 22 तारीख को मनाया जाएगा।

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कबीर दास का जन्म उत्तर प्रदेश जौनपुर, वाराणसी में सन् 1440 ईस्वी में हुआ था। वहीं कबीरदास के जन्म को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि रामानंद गुरु के आशीर्वाद से एक विधवा ब्राह्मणी के गर्भ से इनका जन्म हुआ था। समाज के डर के कारण उस महिला ने उन्हें काशी के लहरतारा नामक स्थान पर उन्हें छोड़ दिया था। इसके बाद उनका पालन-पोषण एक जुलाहे ने किया था।

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ऐसी मान्यता है कि कबीरदास पढ़े-लिखे नहीं थे। उन्होंने अपने जीवन में बिना कलम और स्याही को हाथ लगाए चारों युगों की बातों को अपने मुखारविंद से लिख दी थी। कबीरदास के अनपढ़ होने का वर्णन उनकी रचना कबीर-बीजक की एक साखी में बताया गया है।

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कबीर दास जयंती पर किया जाता है कवि कबीर को याद
इस साल कबीरदास की 647 वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 जून की सुबह 07.31 पर वहीं इसकी समाप्ति 22 जून को सुबह 06.37 पर होगा। कबीर दास की रचनाओं का प्रमुख भाग सिख गुरु और गुरु अर्जन देव के द्वारा एकत्र किया गया था। उनकी रचनाओं को सिख धर्मग्रन्थ गुरु ग्रन्थ साहिब में सम्मिलित किया गया है।

कबीर दास जयंती का महत्व

कबीर दास के उपदेशों के अनुयायियों के लिए बहुत महत्व रखता है। यह दिन कबीर के अविनाशी ज्ञान और उनके सामर्थ्य को याद दिलाने का काम करता है।

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