रायपुर। RAIPUR : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारी सरकार हर समाज में शांति एवं सद्भावना बनाये रखने के साथ विकास के लिए कृत-संकल्पित है। सरकार के इस कार्य को अंजाम देने में शांति और अहिंसा के मार्ग पर चलने वाले सतनामी समाज का भी पूर्ण सहयोग है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज शाम यहां राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में राजागुरु धर्मगुरु गुरुबालदास साहेब जी के नेतृत्व में आये सतनामी समाज के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान यह बात कही। इस अवसर पर आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब सहित प्रदेश भर से आये सतनामी समाज के राजमहन्त भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि हाल ही में बलौदाबाजार जिले की घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। सतनामी समाज इस घटना को लेकर बहुत दुखी है। इसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होगी। उन्होंने इस दौरान समाज के लोगों को आश्वस्त किया कि निर्दोष लोगों को किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया जाएगा, लेकिन जो दोषी पाए जाएंगे उन्हें किसी भी हाल में छोड़ा नहीं जाएगा। उन्होंने समाज के लोगों को भरोसा दिलाया कि शासन- प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पूर्णतः न्यायसंगत होगी।
मुख्यमंत्री साय ने प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के दौरान कहा कि इस घटना में कोई निर्दोष ना फंसे इसके लिए भी शासन-प्रशासन पूरी तरह से सजग है। उन्होंने यह भी अवगत कराया कि सरकार की ओर से राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा की अध्यक्षता में समिति गठित है। इस समिति के समक्ष निर्दोष लोगों के बारे में समाज द्वारा जानकारी दी जा सकती है ताकि ऐसे व्यक्ति जो घटना में संलिप्त नहीं हैं, उनपर कोई कार्यवाही ना हो।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एक स्वर से कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शांति एवं सद्भावना बनाये रखने के लिए किए जा रहे कार्यों में समाज की पूर्णतः सहभागिता है और आगे भी रहेगी। उनके द्वारा बताया गया कि सतनामी समाज बाबा गुरु घासीदास का अनुयायी है और यह सदैव से एक शांतिप्रिय समाज रहा है। सतनामी समाज इस घटना की कड़ी निंदा करता है। घटना को असमाजिक तत्वों द्वारा अंजाम दिया गया है इसमें समाज की कोई संलिप्तता नहीं है। समाज मे इस घटना को लेकर गहरा दुख है। हम चाहते हैं कि जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही हो। ताकि ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना होने पाए।
इस अवसर पर सतनामी समाज से राजमाता गुरुमाता प्रवीण माताजी, गुरु सोमेश बाबा, गुरु सौरभ साहेब सहित राजमहन्त जैत कुमार सतनामी, राजमहन्त अनूप सतनामी, राजमहन्त कामता प्रसाद, राजमहन्त कुंजन सहित अनेक लोग उपस्थित थे।