भोपाल। BREAKING : भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह तीन नए कानून एक जुलाई से लागू होंगे. इन नये कानून के लागू होने से अपराध और अपराध से जुड़े न्याय के मामले में कई अहम बदलाव होंगे.
आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए तीन नए क्रिमिनल कानून- भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू होंगे.
आपको बता दें पिछले साल अगस्त में संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किए गए ये कानून क्रमशः औपनिवेशिक युग की भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने सभी मंत्रालयों और विभागों को सूचित किया है कि तीनों नए आपराधिक कानून 1 जुलाई, 2024 से प्रभावी होंगे. नये कानून में यौन अपराधों के लिए कड़े उपाय किए गए हैं.
कानून में उन लोगों के लिए दस साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है, जो बिना किसी इरादे के शादी का वादा करके धोखे से यौन संबंध बनाते हैं। संगठित अपराध जैसे अपहरण, डकैती, वाहन चोरी, जबरन वसूली, भूमि हड़पना, अनुबंध हत्या, आर्थिक अपराध, साइबर अपराध और व्यक्तियों, ड्रग्स, हथियारों या अवैध वस्तुओं या सेवाओं की तस्करी को लेकर कड़े कानून बनाए गए हैं.
वेश्यावृत्ति या फिरौती के लिए मानव तस्करी, संगठित अपराध सिंडिकेट के सदस्यों के रूप में या ऐसे सिंडिकेट की तरफ से मिलकर काम करने वाले व्यक्तियों या समूहों द्वारा की जाती है, उन्हें कठोर दंड का सामना करना पड़ेगा.प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष भौतिक लाभ के लिए हिंसा, धमकी, डराने-धमकाने, जबरदस्ती या अन्य गैरकानूनी तरीकों से किए गए इन अपराधों को कड़ी सजा दी जाएगी.
वही राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कृत्यों के लिए भारतीय न्याय संहिता ने आतंकवादी कृत्य को ऐसी किसी भी गतिविधि के रूप में परिभाषित किया है. ये आतंक फैलाने के इरादे से देश एकता एवं अखंडता को खतरे में डालते हैं. मॉब लिंचिंग द्वारा हत्या से जुड़े मामले में बदलाव होगा.वही भोपाल में इस नए कानून को लेकर तैयारी पृरी ली गयी है।पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने इसकी जानकारी साझा की।