पुणे पोर्श एक्सीडेंट मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज, 25 जून को आरोपी नाबालिग को जमानत दे दी है। साथ ही उसे बाल सुधार गृह से तुरंत रिहा करने का आदेश भी जारी किया है।
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दरअसल, मामला 19 मई का है। तेज रफ्तार से आ रही लग्जरी कार पोर्शे ने बाइक सवार कपल को टक्टर मार दी थी। कार 17 साल का नाबालिग चला रहा था। हादसे में दोनों बाइक सवार की मौत हो गई। कपल मध्य प्रदेश के रहने वाले थे। दोनों पेशे से इंजीनियर थे और पुणे में नौकरी कर रहे थे।इसके बाद पुणे हिट एंड रन मामले में 17 साल के नाबालिग आरोपी की जमानत रद्द कर दी गई थी। जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड ने उसे बाल सुधार गृह में भेज दिया था। पुणे पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि जस्टिस जुवेनाइल बोर्ड ने आरोपी को 5 जून तक सुधार गृह में भेज दिया था।इस मामले में पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार का कहना था कि नाबालिग आरोपी पर वयस्क (एडल्ट) की तरह केस चलाया जाना चाहिए, जिसके लिए पुलिस ने ऊपरी अदालत से अनुमति मांगी है। हिट एंड रन मामले में पुलिस ने आरोपी के पिता को भी गिरफ्तार किया था।
नाबालिग ने कार से बाइक सवार युवक-युवती को कुचला था
नाबालिग आरोपी ने 18-19 मई की रात पुणे के कल्याणी नगर इलाके में IT सेक्टर में काम करने वाले बाइक सवार युवक-युवती को टक्कर मारी थी, जिससे दोनों की मौत हो गई थी।घटना के समय आरोपी नशे में था। वह 200 किमी प्रति घंटे की स्पीड से पोर्श स्पोर्ट्स कार दौड़ा रहा था।उसे 22 मई 2024 को बाल सुधार गृह भेजा गया था।
याचिका पर 21 जून को फैसला रिजर्व रखा गया
बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने यह आदेश आरोपी लड़के की आंटी की तरफ से दाखिल जमानत याचिका पर दिया।याचिका पिछले हफ्ते दाखिल की गई। इस याचिका में कहा गया था कि लड़के को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखा गया है। उसे तत्काल रिहा किया जाना चाहिए।याचिका में यह भी कहा गया था कि लोगों के गुस्से और राजनीतिक एजेंडे के चलते पुलिस जांच के सही रास्ते से भटक गई।इस वजह से जुवेनाइल जस्टिस (केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन) एक्ट का उद्देश्य पूरा नहीं हो सका है।