– प्रदेश स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने
बुधवार को गरियाबंद जिले के दूरस्थ देवभाेग ब्लॉक स्थित बहुचर्चित किडनी पीड़ित ग्राम सुपेबेड़ा पहुंचे। यहां उन्होंने किडनी पीड़ित मरीजों के उपलब्ध कराई जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लिया। साथ ही मरीजों के बेहतर इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। इस अवसर पर उनके साथ डबल्यूएचओ, एम्स रायपुर और स्वास्थ्य विभाग के एक्सपर्ट टीम भी साथ पहुंची थी। वही राजिम विधायक रोहित साहू, कलेक्टर दीपक अग्रवाल व जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ गार्गी यदु सहित अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने सबसे पहले सुपेबेड़ा उप स्वास्थ्य केंद्र तथा आरोग्य मंदिर का निरीक्षण किया। मौके पर उन्होंने दो डायलिसिस यूनिट, शुद्ध पेयजल हेतु
एक आरओ फिल्टर की घोषणा की। साथ महिलाओं के लिए अलग से बैठक व्यवस्था करने के निर्देश प्रशासन को दिए।
इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल ने ग्राम सुपेबेड़ा के किडनी पीड़ित परिवार के प्रेमजय क्षेत्रपाल से उनके घर पहुंच मुलाकात की। मंत्री जायसवाल ने उनका कुशलक्षेम जाना। बातचीत करते हूं उनकी समस्या भी सुनी। मौके पर मंत्री जायसवाल ने परिवार की शासन प्रशासन से हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि सुपेबेड़ा की समस्या को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय विष्णुदेव साय जी काफी गंभीर है। यहां के समस्या के निराकरण और मरीजों के समुचित इलाज के लिए बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश उन्होंने दिए है। उनके निर्देश के चलते ही वे आज सुपेबेड़ा पहुंचे है। उन्होंने कहा की मेडिकल और एम्स की टीम लगी हुई है। हम आज संकल्प लेकर चलते है की किडनी की बीमारी को जड़ से खत्म करने मिलकर काम करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ग्रामीणों को इस समस्या से बाहर लाने हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
मंत्री जायसवाल ने सुपेबेड़ा में ग्रामीणों से चर्चा करते हुए गरियाबंद और देवभोग में लैब स्थापना की जानकारी दी। मंत्री ने कहा कि सुपेबेड़ा में मरीजों को निशुल्क दवाई दी जाएगी। आगामी 6 माह में दो डायलिसिस सेंटर शुरू किए जाएंगे। बताया कि ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल हेतु जल जीवन मिशन से पानी उपलब्ध कराने के निर्देश प्रशासन को दिए है। उन्होंने बताया कि आज गरियाबंद में मरीजों के लिए तीन एंबुलेंस का शुभारंभ किया है। इसके अलावा सुपेबेड़ा के सर्व सुविधा युक्त एक एंबुलेंस का भी शुभारंभ किया। इसके अलावा आज ही पांच डॉक्टरों का यहां पोस्टिंग की है। मंत्री ने बताया कि किडनी बीमारी के अनुसंधान के लिए गरियाबंद और सुपेबेड़ा में दो विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध होंगे। मरीजों के लिए भोजन सलाह प्रदान हेतु एक अलग से चिकित्सक नियुक्त किया है। रिसर्च यूनिट के लिए अनुसंधान टीम के गठन की जानकारी दी। ग्रामीणों के जेनेटिक जांच के आधार बीमारी की जांच की जाएगी। गरियाबंद में छत्तीसगढ़ किडनी फाउंडेशन की स्थापना की घोषणा की। साथ किडनी दान के लिए भी सुविधा विकसित की जाएगी।