Pashupalan Tips: दूधारू पशुओं का दूध निकालते समय कई बार लापरवाही के कारण बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं जिससे पशुओं को काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता हैं. लेकिन अब आपको घबराने की जरुरत नहीं हैं. आज हम आपको बताएंगे कि दूधारू पशुओं का दूध दूहते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सबसे पहले यह देखें कि दूध निकालने से पहले पशु का स्वास्थ्य ठीक हो। बीमार या घायल पशु से दूध निकालने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे दूध की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है और पशु की सेहत पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
दूध निकालने से पहले पशु के थनों को अच्छी तरह से साफ करना बेहद जरूरी है। थनों की सफाई के लिए गर्म पानी और साफ कपड़े का उपयोग करें। इससे संक्रमण का खतरा कम होता है और दूध की स्वच्छता बनी रहती है।
दूध निकालने का समय भी महत्वपूर्ण है। इसे नियमित अंतराल पर, जैसे सुबह और शाम को, एक ही समय पर करना चाहिए। यह पशु के लिए आरामदायक होता है और दूध उत्पादन में स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।
दूध निकालने के दौरान पशु के साथ सौम्य और धैर्यपूर्ण व्यवहार करें। अचानक या जोर से खींचने से पशु को दर्द हो सकता है और वह विचलित हो सकता है। इससे दूध उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
दूध निकालने के लिए साफ और स्वच्छ उपकरणों का इस्तेमाल करें। दूध निकालने वाले बर्तन और अन्य उपकरणों को नियमित रूप से कीटाणुरहित करना चाहिए। गंदे उपकरणों का उपयोग करने से दूध में बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है।
दूध निकालने के बाद पशु को आराम दें और उसकी अच्छी तरह से देखभाल करें। उसे साफ और सुखद वातावरण में रखें और नियमित रूप से पौष्टिक आहार दें। यह पशु की सेहत और दूध उत्पादन दोनों के लिए लाभदायक है।