अतुल शर्मा, दुर्ग। Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में एक बुजुर्ग पिता ने अपने बेटे को किडनी डोनेट कर जीवन दान दिया और सफल सर्जरी के बाद अब दोनों स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। बालोद निवासी गुमान देशमुख पेशे से किसान हैं। बीते 5 सालों से पुत्र उत्तम कुमार देशमुख किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे और इलाज के दौरान डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उनकी दोनों किडनी फेल हो चुकी है और अब जान बचाने का एक मात्र रास्ता ट्रांस्प्लांट है। पिता ने निर्णय लिया कि अपना किडनी बेटे को दूंगा, उसके बाद दुर्ग ज़िले में स्थित आरोग्यम अस्पताल पहुंचे और डॉक्टरों की निगरानी में सफल ऑपरेशन कर पिता ने बेटे को किडनी डोनेट किया। दुर्ग जिले का पहला मामला है।
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आपको बता दें कि, उत्तम कुमार लंबे समय से किडनी बीमारी से ग्रस्त थे,गुमान देशमुख ने अपने 40 वर्षीय बेटे उत्तम कुमार देशमुख को अपनी किडनी दान कर यह साबित कर दिया कि ईश्वर पिता है, जिनकी किडनी ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के कारण खराब हो गई थी। ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस, जिसे ग्लोमेरुलर रोग भी कहा जाता है, किडनी रोगों का एक समूह है जिसमें किडनी के ग्लोमेरुलस क्षतिग्रस्त हो जाते हैं और उनमें सूजन आ जाती है। ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस के कारण किडनी का काम करना मुश्किल हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप किडनी ट्रांसप्लांट ही एकमात्र विकल्प रह जाता है। किडनी के ऑपरेशन दो विभागों के संयुक्त प्रयासों से किए जाते हैं, जिनमें प्रशिक्षित कर्मचारी होते हैं। किडनी के ऑपरेशन के लिए नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग एक साथ काम करते हैं। दोनों के काम अलग-अलग हैं, लेकिन दोनों ही बेहतरीन नतीजे देते हैं और मरीज को नई जिंदगी देते हैं। हाल ही में दुर्ग स्थित आरोग्यम में नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ. साहू और यूरोलॉजी विभाग के डॉ. नवीन राम दारूका की टीम ने यह कारनामा कर दिखाया।
वहीं डॉ. नवीन राम दारूका ने यह भी बताया कि पहले किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लोग बड़े शहरों में चले गए, जिससे मरीज के इलाज में ही नहीं बल्कि परिवार के खर्चे भी बढ़ रहे थे। पहले जाना पड़ता था, जिससे खर्चा अब तीन से चार गुना ज्यादा हो जाता था। मरीजों को कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती, कम से कम खर्च में तो आरोग्यम में उपलब्ध किडनी ट्रांसप्लांट मरीजों के लिए वरदान है। आरोग्यम सुपरस्पेशलिटी मध्य भारत का एकमात्र अस्पताल किडनी एवं यूरोलॉजी संस्थान जो मरीजों के लिए 24 घंटे और 7 दिन खुला रहता है। यहां सभी तरह के बीमा उपलब्ध हैं। कंपनी की ओर से कैशलेस सुविधा उपलब्ध है।
पिता गुमान देशमुख का कहना है कि मेरे बेटे को नया जीवन मिला है, मेरा बेटे का दोनों किडनी खराब हो गया था, डॉक्टर के सलाह पर मैं अपना एक किडनी मेरे बेटे को दिया हूं,5 साल से डायलिसिस से जी रहे थे, आरोग्यम अस्पताल के डॉक्टरों ने मुझे सलाह दिया कि आप अपना एक किडनी अपने बेटे को दे दो, डॉक्टर के देखभाल में मैं अपना किडनी में बेटे को दे दिया हूं, अभी मैं और मेरा बेटा दोनों स्वस्थ है और बहुत खुश हैं।