सरगुजा | BREAKING: सरगुजा जिले के गांधीनगर थाना इलाके की एक महिला हेड कांस्टेबल की डांट और धमकी से एक किसान की हार्ट अटैक आने से मौत हो गई। महिला हेड कांस्टेबल जमीन विवाद के एक मामले की शिकायत पर जांच के लिए गांव पहुंची थी और वहां पर किसान को बुलाकर महिला हेड कांस्टेबल के द्वारा धमकी दिया जाने लगा, इसके बाद बुजुर्ग किसान को हार्ट अटैक आ गया और उसे बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों सहित कांग्रेस के नेताओं ने इस पूरे मामले में अब दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अंबिकापुर के सूखरी गांव निवासी राम सुंदर 60 वर्ष के भाई की बेटी भगवती राजवाड़े की शिकायत पर पुलिस जमीन विवाद के मामले पर गांव पहुंची थी। इस दौरान महिला हेड कांस्टेबल बिरारानी तिर्की ने किसान रामसुंदर को भीड़ से किनारे ले जाकर डांटना धमकाना शुरू कर दिया इससे किसान वहीं पर बेहोश होकर जमीन पर गिर गया और तत्काल परिजनों ने उसे अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज एंबुलेंस के माध्यम से पहुंचा लेकिन यहां डॉक्टरों ने हार्ट अटैक से मौत होना बता दिया। परिजनों का कहना है कि दूसरे पक्ष के लोगों से पुलिस वाले रिश्वत लेकर उनके घर उन्हें धमकाने पहुंचे थे और रामसुंदर शांत स्वभाव का व्यक्ति था और डांट सुनकर उसे हार्ट अटैक आ गया। घटना के बाद गांव पहुंची पुलिस की टीम भी वहां से भाग गई दूसरी तरफ घटना की जानकारी कांग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश गुप्ता को लगी तो वह भी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंच गए और यहां पर पुलिस वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे।
मृतक की बहू अनीता राजवाड़े ने बताया कि उसके ससुर के साथ पुलिस वालों ने धमकी के साथ ही धक्कामुक्की भी की और उनके ससुर जमीन पर गिर गए। जबकि हम लोग पुलिस वालों को शांति के साथ बैठकर बातचीत करने के लिए कह रहे थे लेकिन पुलिस वालों ने हमारी बात नहीं मानी। वहीं घटना की जानकारी मिलने पर आईपीएस व नगर पुलिस अधीक्षक रोहित शाह भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने मृतक के परिजनों से बातचीत की लेकिन परिजनों का कहना है कि वे महिला हेड कांस्टेबल का की पक्ष ले रहे हैं।
वहीं दूसरी तरफ पुलिस हेड कांस्टेबल पर डांट फटकार आरोप लगाते हुए परिजनों ने मृतक का पोस्टमार्टम तब तक कराने से इनकार कर दिया जब तक की महिला हेड कांस्टेबल को सस्पेंड नहीं किया जाता है वही उनका यह भी कहना था कि अगर महिला हेड कांस्टेबल को मामले में प्राथमिक तौर पर सस्पेंड नहीं किया जाता है तो फिर उन्हें और कोई दूसरा न्याय नहीं चाहिए। वही नगर पुलिस अधीक्षक द्वारा कहा गया कि इस पूरे मामले की जांच कराई जाएगी और पहले महिला हेड कांस्टेबल को सस्पेंड नहीं कर सकते क्योंकि मामला उसे लायक नहीं है।