गौरेला पेण्ड्रा मरवाही। CG NEWS : जिले में दो अलग-अलग मामलों में दो लोगो की सांप काटने से मौत का मामला सामने आया है। जहां पर पहला मामला भस्कुरा गांव का है तो दूसरा मामला पेण्ड्रा के कुड़कई गांव का है। दोनों ही मामलों में अस्पताल पहुचने में देरी के चलते इलाज में देरी होने से मौत हुई है। फिलहाल पुलिस दोनों ही मामलों में मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
दरअसल बरसात के दिनों में जमीन में सोने और उसके बाद जहरीले सांप के काटने का मामला लगातार सामने आते रहते हैं। पर ग्रामीण क्षेत्रों में कम पढ़े लिखे होने की वजह से इलाज में देरी की वजह पीड़ित लोग काल के गाल में समा जाते है।
जिले में आज दो मामलों में साँप के काटने से एक युवक और एक 16 साल की नाबालिग की मौत हो गई है। पहला मामला गौरेला के भस्कुरा गांव का है जहां पर टिकराटोला निवासी विजय अगरिया कल रात घर में ख़ाना खाने के बाद अपनी पत्नी के साथ कमरे में जमीन में सो गया रात को लगभग दो बजे के आसपास विजय को कुछ अहसास हुआ की उसे किसी जहरीले सांप ने काट दिया विजय की पत्नी घर के और लोगो को भी मामले की जानकारी दी जिसके बाद परिजन विजय को अस्पताल ले जाना छोड़ गाव के एक वैध राज को घर बुला लाए और विजय का वैध राज इलाज भी शुरू कर दिया पर समय के साथ विजय की हालत सुधरने के बजाए बिगड़ने लगी जिसके बाद घर वालो ने लगभग 3 घण्टे देरी से विजय को 108 संजीवनी एक्सप्रेस की मदद से जिला अस्पताल लेकर आए और अस्पताल में मौजूद डॉक्टरो के द्वारा विजय का इलाज भी शुरू हो गया पर देरी से अस्पताल पहुचने के चलते विजय की इलाज के दौरान मौत हो गई।
वहीं दूसरे मामले में पेण्ड्रा के कुड़कई गाव की रहने वाली 16 साल की रोशनी भरिया जो घर मे जमीन में सोई हुई थी कि रात में दो बजे के आसपास उसे साँप काटा जिसके बाद रोशनी जाग गई और साप को बिस्तर से बाहर फेका इतने में घर वाले सभी लोग जाग गए देखते समझते रात दो बजे से सुबह 5 बज गए जिसके बाद परिजन रोशनी को लेकर जिला अस्पताल पहुचे जहा पर इलाज के दौरान रोशनी की भी मौत हो गई।
रोशनी को जिस जहरीले सांप ने काटा उसे परिजनों ने रस्सी से बांधकर एक डिब्बे में बन्द कर दिया था साँप ने एक चूहे के बच्चे को पहले निगल गया था जिसे घर वालो ने रखा हुआ था। दोनों ही मामलों में कहीं न कहीं इलाज में देरी की वजह ही मौत बनी। हालांकि स्थानीय स्नैक मेन द्वारिका कोल का कहना है कि साँप के काटने पर ग्रामीण वैध झाडफुक के चक्कर मे पड़ जाते है और उन्हें सही उपचार मिलने में देरी हो जाती है कही न कही ऐसी मौतों के पीछे जागरूकता की कमी एक बड़ा कारण होता है। ऐसे में जितने जल्दी से जल्दी पीड़ित को इलाज मिल जाए और सही समय पर अगर इलाज मिलता है तो पीड़ित व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है।