नेजल पॉलिप्स नासिका मार्ग में होने वाली नॉन-कैंसरस वृद्धि को कहते हैं। यह एलर्जी, अस्थमा या संक्रमण के कारण नासिका मार्ग में सूजन की वजह से होता है। यह दाने की तरह निकलता है। इससे आज दुनियाभर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित है।
अस्थमाः अस्थमा पीड़ित लोगों को नेजल पॉलिप्स होने की संभावना ज्यादा होती है। एनआईएच द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार अस्थमा के 7 से 15 प्रतिशत लोगों को नेजल पॉलिप्स है।
अनुवांशिक कारणः परिवार में नेजल पॉलिप्स का इतिहास होने पर इससे प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है।
एस्पिरिन की संवेदनशीलताः एस्पायरिंग-एक्सासरबेटेड रेस्पिरेटरी डिज़ीज़ (एईआरडी) होने पर एस्पिरिन के प्रति संवेदनशील लोगों को नेजल पॉलिप्स होने की संभावना बढ़ जाती है।
स्वास्थ्य की अन्य समस्याएंः सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी समस्याएं होने पर नेजल पॉलिप्स हो सकता है।
नेजल पॉलिप्स से जुड़े कुछ सामान्य लक्षण हैंः-
- नाक बंद हो जाने से सांस लेने में तकलीफ होती है।
- नाक लगातार बहती रहने से परेशानी होती है।
- गंध बिल्कुल भी नहीं या बहुत कम महसूस होती है, इससे स्वाद पर भी असर पड़ सकता है।
- सोते वक्त सांस लेने में दिक्कत के कारण खर्राटे या नींद की अन्य समस्याएं होती हैं।
- गले में बलगम का पैदा होना