फ़ारूख अली, सुकमा। Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार ’’ योजना से प्रभावित तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके षोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सली संगठन में सक्रिय 01 महिला नक्सली सहित कुल 04 नक्सलियों क्रमशः 1 दिरदो हिड़मा(ग्राम टेटेमडगू आरपीसी सीएनएम अध्यक्ष ईनामी 1 लाख रूपये) 2. महिला सोड़ी सोमे(अरलमपल्ली पंचायत केएमएस सदस्या) एवं पोड़ियाम हुंगा पिता पोड़ियाम हिड़मा (ग्राम टेटेमडगु आरपीसी मिलिशिया सदस्य) पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में एस. के. दिनेश, सहायक कमाण्डेन्ट 188 वाहिनी सीआरपीएफ, निरीक्षक रोशन सिंह राजपूत, प्रभारी नक्सल सेल एवं निरीक्षक मुकेश कुमार बिष्ट, 188 वाहिनी सीआरपीएफ के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया गया।
महिला नक्सली सोडी सोमे को समर्पण हेतु प्रोत्साहित करने 188 वाहिनी सीआरपीएफ के आसूचना शाखा एवं शेष नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नक्सल सेल आसूचना शाखा तथा डीआरजी सुकमा का विशेष प्रयास रहा।
इसी तारतम्य में नक्सल सदस्य मुचाकी देवा(तुमालपाड़ आरपीसी जनताना सरकार अध्यक्ष) पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में दुर्गा राम, द्वितीय कमान अधिकारी 50 वाहिनी सीआरपीएफ एवं निरीक्षक रोशन सिंह राजपूत, प्रभारी नक्सल सेल के समक्ष बिना हथियार के समर्पण किया गया। उक्त नक्सली को समर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में मृण्मय बैनर्जी, सहायक कमाण्डेन्ट 50 वाहिनी सीआरपीएफ एवं 50 वाहिनी सीआरपीएफ आसूचना शाखा का विशेष प्रयास रहा।
उपरोक्त सभी प्रतिबंधित नक्सल संगठन में जुड़कर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहे है।उक्त सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।