गरियाबंद – जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर रायपुर मार्ग में ग्राम बारूका के समीप स्थित चिंगरापगार जलप्रपात में जिले सहित प्रदेशभर से आने वाले सैलानी अब दोपहर तीन बजे तक ही इस प्राकृतिक और मनोरम जलप्रपात का दीदार कर पाएंगे। मानसून के बाद लगातार यहां बढ़ती भीड़ और अव्यवस्था को देखते हुए वन विभाग ने शनिवार से यहां दोपहर बाद प्रवेश बंद कर दिया है। इसके साथ ही वन अमले ने लोगों को रोकने बकायदा कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगा दी है। ज्ञात हो कि पिछले साल भी वन विभाग ने अव्यवस्था, अत्यधिक भीड़ और बाढ़ की घटना के बाद इसी तरह प्रवेश में रोक लगा दी थी।
उल्लेखनीय है कि मानसून की दस्तक के साथ ही चिंगरापगार जलप्रपात में सैलानियों के आने के सिलसिला शुरू हो गया है। विशेषकर शनिवार और रविवार को यहां सैलानियों की बेतहासा भीड़ पहुंचती है। पिछले साल यहां मारपीट लड़ाई जैसे घटना हो गई थी, इसके बाद यहां रपटा टूटने से बाढ़ में हजारों लोग फस गए थे। प्रशासन ने तब रेस्क्यू कर लोगों को बाहर निकालना था। इसे देखते हुए इस वर्ष प्रशासन ने शुरुवात से ही एहतियातन तौर पर दोपहर तीन बजे के बाद लोगों के प्रवेश में रोक लगा दी है।
मौके पर तैनात वन विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि चिंगरा पगार में बाहर से आने वाले सैलानियों को दोपहर 3:00 बजे के बाद प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसके साथ ही शाम 5:00 बजे तक चिंगरा पगार जलप्रपात के अंदर की भीड़ को भी बाहर कर दिया जाएगा। वहीं अंदर पार्किंग स्थल भी रपटा के पहले बना दिया गया है। जिससे कोई परेशानी ना हो।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय जलप्रपात में से एक चिंगरापगार जलप्रपात में बरसात के मौसम में हजारों की संख्या में सैलानी बरसाती जगने का लुफ्त उठाने पहुंचते हैं। बीते दो तीन सालों से लगातार यहां सैलानियों की भीड़ बढ़ने लगी है। राजधानी से नजदीक और मुख्य मार्ग से जुड़े होने के कारण सैलानी भी यहां आना ज्यादा पसंद करते है।