संसद का मानसून सत्र आज यानी सोमवार से शुरू हो रहा है। इसी क्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
सत्र में कई मुद्दों पर पक्ष-विपक्ष में टकराव के कारण दोनों सदनों में हंगामा होने के आसार हैं। इसके संकेत रविवार को सरकार की ओर से बुलाई सर्वदलीय बैठक में मिल गए। इस बैठक में विपक्षी दलों ने चर्चा के लिए अपने मुद्दे गिनाए लेकिन एनडीए के सहयोगी दल जेडीयू ने बिहार को विशेष दर्जा देने की मांग उठाकर सरकार को चौंका दिया। वायएसआरसीपी ने आंध्र प्रदेश के लिए तो बीजू जनता दल ने ओडिशा के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग रखी।
कांवड़ यात्रा, अग्निवीर का मुद्दा गरमाया
बैठक में श्रावण मास में कावड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के दुकानों को लेकर दिए आदेश का मुद्दा सपा, कांग्रेस समेत कई अन्य दलों के नेताओं ने उठाया।
कांग्रेस ने इन मुद्दों पर चर्चा की मांग की
जम्मू और मणिपुर में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति, चीन के साथ सीमा पर चुनौती, बाढ़ और प्राकृतिक आपदा, केंद्र-राज्य संबंधों और अर्थव्यवस्था से संबंधित मुद्दे।
ये होगा बजट सत्र में
बजट सत्र 12 अगस्त तक चल सकता है जिसमें 16 बैठकें हो सकती हैं। इसमें मुख्य रूप से आर्थिक सर्वेक्षण और बजट पेश होगा तथा बजट और वित्त विधेयक पारित करवाया जाएगा। मंगलवार को ही केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का बजट भी लोकसभा में पेश किया जाएगा। इसके अलावा सरकार आधा दर्जन अन्य विधेयक भी पारित करवा सकती है।
क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे?
हर साल बजट से एक दिन पहले सरकार, इकोनॉमिक सर्वे पेश करती है. ये देश का फाइनेंशियल डॉक्युमेंट होता है, वित्त मंत्रालय का एक ऐसा सालाना दस्तावेज, जिसमें देश की इकोनॉमी से जुड़ा तमाम लेखा-जोखा होता है.
- ये देश की इकोनॉमी की पूरी तस्वीर पेश करता है. इसमें इकोनॉमी की स्थिति, संभावनाओं और नीतिगत चुनौतियों का विस्तृत ब्यौरा होता है.
- इसमें बीते वित्त वर्ष के रोजगार, GDP, महंगाई और बजट घाटे की जानकारी देने वाले काफी महत्वपूर्ण आंकड़े होते हैं और उनका व्यापक विश्लेषण भी होता है.
- इसे वित्त मंत्रालय के अधीन आने वाले इकोनॉमिक अफेयर्स डिपार्टमेंट की इकोनॉमिक डिवीजन, चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर की देखरेख में तैयार करता है.