वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कुछ घंटों में अपना सातवां बजट पेश करने वाली हैं। कई मायनों में यह बेहद अहम होगा। यह 2047 तक विकसित भारत का रोडमैप तैयार करेगा। इस बजट में सरकार के पिछले 10 साल के प्रदर्शन की झलक भी दिखाई देगी।
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नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले पूर्ण बजट में कई आंकड़ों पर खासतौर से सबकी नजर रहेगी। इस बार उम्मीद की जा रही है कि बजट का फोकस मिडिल क्लास और रोजगार पर होगा। इसके अलावा किसानों, महिलाओं और बुजुर्गों को लेकर भी कई तरह की सौगात दी जा सकती हैं।वित्त मंत्री इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव या स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा बढ़ाकर मध्यम वर्ग के लिए टैक्स के बोझ को कम कर सकती हैं। स्वास्थ्य बीमा और पेंशन योजनाओं जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का विस्तार करके मिडिल क्लास के लिए सामाजिक सुरक्षा जाल को मजबूत किया जा सकता है। शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसी आवश्यक सेवाओं की लागत को कम करने के लिए उपाय देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा सरकार किफायती आवास योजनाओं को बढ़ावा देकर मध्यम वर्ग के लिए घर खरीदना आसान बना सकती है।
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रोजगार पर रहेगा फोकस
सरकार विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए नीतिगत पहल कर सकती है। मैन्यूफैक्चरिंग, बुनियादी ढांचा और MSME को लेकर बजट में बड़े ऐलान होने के आसार हैं। सरकार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके उन्हें रोजगार के लिए तैयार करने पर ध्यान केंद्रित कर सकती है। स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए उपाय किए जा सकते हैं।
NPS और आयुष्मान भारत पर ऐलान संभव
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आम बजट में नई पेंशन प्रणाली (NPS) और आयुष्मान भारत जैसी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लेकर कुछ घोषणाएं हो सकती है। हालांकि, कई का यह भी अनुमान है कि आयकर के मामले में राहत की उम्मीद कम है।