रायपुर। CG VIDHANSABHA : विधानसभा में आज नक्सल इलाकों से मैदानी इलाकों में पुलिसकर्मियों के तबादले का मुद्दा उठा। भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पदस्थ पुलिस कर्मियों की पदस्थापना का मामला उठाया। कांग्रेस विधायक ने गृह मंत्री से सवाल पूछा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पुलिस कर्मियों की मैदानी इलाकों में पदस्थापना का क्या प्रावधान है? दिशा निर्देश का क्या पालन किया गया है और कर्मचारियों के लिए दिशा निर्देश कब तक जारी होंगे। पुलिसकर्मियों के आवास की व्यवस्था की भी जानकारी मांगी गयी।
जवाब में गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, ऐसे पद जो उप निरीक्षक से निरीक्षक के पद पर प्रमोट होते है, उनकी कम से कम 3 सालों तक के लिए नक्सल क्षेत्रो में पदस्थापना की जाती है या जिन कर्मचारियों की उम्र 54 वर्ष से कम है उनकी भी पदस्थापना का प्रावधान है।
नक्सल इलाकों में 3 सालों नौकरी के बाद पुलिस कर्मियों की अन्य जिलों में पदस्थापना का प्रावधान है।
गृहमंत्री ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस कर्मियों की पदस्थापना का विभाग से दिशा निर्देश जारी है। उसका समय समय पर पालन किया जाता रहा है। पुलिसकर्मियों के तबादले का निर्देश पुलिस मुख्यालय की स्थापना समिति की बैठक में हुए निर्णय के बाद जारी किया जाता है। गृहमंत्री ने बताया कि नक्सल इलाकों से मैदानी इलाकों में ट्रांसफर के लिए नियम पहले से बने हुए हैं, जिसका पालन किया जाता रहा है।
वहीं आवास की जानकारी देते हुए गृहमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग में पदस्थ कर्मचारियों के लिए 18,355 आवास उपलब्ध है, वहीं 898 आवास निर्माण किए जा रहे है। बाकी के आवास के लिए 2024-25 के मुख्य बजट में प्रावधानित है। उन्होंने पिछली सरकार को घेरते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में आवास को लेकर काम नही किया गया, इसलिए हमको ज्यादा काम करना पड़ेगा। इस पर आगे भी अभी करना है।
प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य सावित्री मंडावी ने लंबे समय से नक्सल इलाकों में पदस्थ पुलिस कर्मियों का तबादला नहीं होने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि एक ही जगह में पुलिसकर्मी दस-दस साल से पदस्थ हैं। उनका मैदानी इलाकों में तबादला नहीं हो पा रहा है। इस वजह से मानसिक अवसाद से ग्रसित हो रहे हैं, और आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। कांग्रेस सदस्य ने तबादले के नियमों की जानकारी चाही।
इसके जवाब में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बताया कि एसओपी में साफ है कि उपनिरीक्षक के तबादले प्रथम नियुक्ति तीन वर्ष, अथवा 54 वर्ष में जो भी पहले हो की जा सकती है। इसी तरह निरीक्षक के तीन साल अथवा 54 वर्ष की आयु होने पर मैदानी इलाकों में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में लंबे समय से पदस्थ 694 पुलिस कर्मियों के तबादले के लिए आवेदन आए थे, इनमें से 305 पात्र पाए गए। इनका तबादला किया जाएगा।
नक्सल इलाकों में लंबे समय से पदस्थ पुलिस कर्मियों को तबादले के लिए अब किसी सिफारिश की जरूरत नहीं होगी। उन्हें ऑनलाईन आवेदन देना होगा, और तबादला आदेश घर तक पहुंच जाएगा। यह जानकारी गृहमंत्री विजय शर्मा ने एक प्रश्न के उत्तर में दी।
कांग्रेस सदस्य विक्रम मंडावी ने कहा कि बीजापुर इलाके में 20-22 साल से आरक्षक स्तर के पुलिसकर्मी पदस्थ हैं। उनका तबादला नहीं हो पा रहा है। इसके जवाब में गृहमंत्री ने बताया कि आरक्षक जिला कैडर का पद है, और न्यूनतम 10 साल उन्हें वहां रहना होगा। हालांकि उन्हें अतिरिक्त भत्ता भी मिलता है, इस वजह से कई पुलिसकर्मी वहां रहना चाहते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों के 305 पुलिसकर्मियों का जल्द ही तबादला किया जाएगा।