जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ तहसील परिक्षेत्र का है, जहां तहसील कार्यालय से महज 200 मीटर की दूरी पर ही बेजाकब्जा धरियाओ के हौसले बुलंदियों पर है, जहां शासकीय जमीन पर कब्जाधारियों का इस कदर आतंक है कि आम जनता को पैर रखने की जगह भी नसीब नहीं हो रही है, यह हम नहीं बल्कि नवागढ़ राछाभांठा की वर्तमान दयनीय स्थिति साफ बयां कर रही है, की कैसे जिम्मेदारों की अनदेखी और लापरवाही के चलते आज नवागढ़ राछाभाटा बेजाकब्जा धारियों के हत्थे चढ़ चुका है.
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जहां फर्जी पट्टा का धौस दिखाकर लोग शासकीय जमीन पर कब्जा कर पक्की मकान बना ले रहे हैं, जो जमीन शासकीय कामों में उपयोग होना था आज वे जमीन बेजाकब्जा धारियों के हत्थे चढ़ चूका है, जिसके चलते नवागढ़ राछाभाटा आज कई ऐसे विकास कार्यों के लिए मोहताज बनकर रह गया है, जहां इनकी शिकायत को लेकर 31 वर्षीय युवा इस्लाम खान ने कई बार तहसील कार्यालय सहित कलेक्टर को लिखित आवेदन देकर अवगत कराया मगर जिले के जिम्मेदार अधिकारियों का इस कदर रवैया रहा कि लगातार इस्लाम खान बेजाकब्जा पर कार्यवाही की मांग को लेकर विगत एक वर्षों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा था इसके बाद भी अब तक इन कब्जाधारियों के ऊपर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हुई और न हीं शासकीय जमीन से कब्जा हटाया गया है, अंततः इन अधिकारियों के इस प्रकार के रवैया से तंग आकर आज इस्लाम खान शासन प्रशासन को लिखित में 20 दोनों का अल्टीमेटम लिखकर आत्मदाह करने की चेतावनी दी जिसमें सांप उल्लेख किया गया है यदि 20 दिनों के अंदर नवागढ़ राछाभाटा से बेजा कब्जा नहीं हटाया गया तो इस्लाम खान के द्वारा तहसील परिषद में ही आत्मदाह किया जाएगा।
अब देखना यह होगा की खबर चलने के बाद नवागढ़ तहसीलदार और जिले के कलेक्टर, इस मामले को कितनी गंभीरता से लेते हैं और कब तक नवागढ़ राछाभाटा में बेजाकब्जा पर प्रशासन का बुलडोजर चलता है यह अब देखने वाली बात है।