फ़ारूख अली,सुकमा:छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘‘नियद नेल्ला नार’’ योजना से प्रभावित तथा अति संवेदनशील अंदरूनी क्षेत्रों में लगातार कैम्प स्थापित होने से पुलिस के बढ़ते प्रभाव व नक्सलियों के अमानवीय, आधारहीन विचारधारा एवं उनके शोषण, अत्याचार तथा बाहरी नक्सलियों के द्वारा भेदभाव करने तथा स्थानीय आदिवासियों पर होने वाले हिंसा से तंग आकर नक्सल संगठन में सक्रिय कुल 2 नक्सलियों क्रमशः (1) माड़वी जोगा कोराजगुड़ा आरपीसी डीएकेएमएस उपाध्यक्ष(2) सवलम पुल्ला ग्राम पालागुड़ा डीएकेएमएस सदस्य द्वारा सुकमा पुलिस के समक्ष बिना हथियार के आत्मसमर्पण किया।
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नक्सलियों को आत्मसमर्पण हेतु प्रोत्साहित कराने में नक्सल सेल आसूचना शाखा की टीम व थाना स्टाफ कोंटा का विशेष योगदान रहा।दोनों आत्मसमर्पित नक्सली प्रतिबंधित नक्सल में जुडकर विभिन्न नक्सली गतिविधियों जैसे पुलिस गस्त पार्टी की रेकी कर हमला करना, पुलिस पार्टी के आने-जाने वाले मार्गो में स्पाईक/आईईडी लगाना, मुख्य मार्गों को खोदकर अवरूद्ध करना, शासन-प्रशासन के विरूद्ध में नक्सली पर्चा-पाम्पलेट लगाना आदि घटनाओं में शामिल रहा है।उक्त दोनों आत्मसमर्पित नक्सलियों को ‘‘छत्तीसगढ़ नक्सलवाद उन्मूलन एवं पुनर्वास नीति’’ के तहत् सहायता राशि व अन्य सुविधायें प्रदाय कराये जायेंगे।