रायपुर। CG VIDHANSABHA : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज बेमेतरा जिले के पिरदा गांव में हुए बारूद फैक्ट्री में विस्फोट का मामला गूंजा। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी फैक्ट्री मालिक पर गंभीर धाराओं के तहत अपराध दर्ज नहीं किया गया । विभागीय मंत्री लखनलाल देवांगन ने इस मामले में की गई कार्रवाई की जानकारी सदन को दी। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर कांग्रेस विधायकों ने सदन की कार्यवाही से वॉकआउट कर अपनी नाराजगी जताई।
ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से विपक्ष के विधायक राघवेन्द्र सिंह और शेषराज हरबंश ने यह मामला उठाते हुए सरकार से पूछा कि 25 मई को जिस दिन पिरदा गांव में संचालित स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड फैक्ट्री में विस्फोट हुआ तब वहां के कर्मचारियों के पास सुरक्षा उपकरण थे, क्या इसके लिए उन्हें कोई ट्रेनिंग दी गई थी। क्या वहां नियम के विरूद्ध बारूद का अधिक भंडारण किया गया था। इस मामले में दोषी मालिक पर अपराधिक मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया।
श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि 1998 से यह फैक्ट्री चल रही थी इसके पर 171 टन विस्फोटक सामग्री बनाने का लाइसेंस था। वहां कार्यरत श्रमिकों को सुरक्षा की ट्रेनिंग दी गई थी परंतु घटना दिनांक को उनके पास सुरक्षा उपकरण नहीं थे।इस पूरे मामले में कारखाना प्रबंधन जिम्मेदार है जिन पर एफआईआर दर्ज हुआ है और मामले की न्यायिक जांच भी चल रही है, किसी भी दोषी को बक्शा नही जायेगा। चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष Dr चरणदास महंत ने बताया कि वहां निर्धारित मात्रा से अधिक बारूद उत्पादन हो रहा था जिसे अवैध रूप से बाहर बेचा जाता था।इतनी बड़ी घटना के लिए फैक्ट्री मालिक को गिरफ्तार नहीं करने पर सरकार की कार्यप्रणाली पर विपक्ष ने सवाल उठाया। मंत्री पर गलत जवाब देकर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस विधायकों ने बहिर्गमन कर दिया।