राजेंद्र नगर कोचिंग सेंटर बेसमेंट हादसे में मालिक और को-ऑर्डिनेटर हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस की तरफ से यह जानकारी दी गई है। डीसीपी हर्षवर्धन ने कहा कि बेसमेंट से तीन शव मिले हैं। उनकी पहचान हो गई है। पुलिस ने इस मामले में राजेंद्र नगर थाने में संबंधित धाराओं में दर्ज की गई है। पुलिस ने इस मामले में कोचिंग सेंटर बिल्डिंग सिस्टम के मैनेंजमेंट और ड्रेनेज सिस्टम से जुड़े दो लोग हिरासत में लिए गए हैं। इस मामले की जांच की जा रही है
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गैरइरादतन हत्या का केस, मृतक के परिजन की मांग
ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना मामले में तीन मृत छात्रों में से एक श्रेया यादव के रिश्तेदार धर्मेंद्र यादव ने कहा, “मुझे कोचिंग संस्थान या प्रशासन से आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली। मैंने खबर देखी और वहां पहुंचा, मैं मुर्दाघर गया और उनसे पहचान के लिए चेहरा दिखाने को कहा लेकिन उन्होंने यह कहकर इनकार कर दिया कि यह पुलिस का मामला है। उन्होंने मुझे एक कागज दिखाया जिसमें उसका (श्रेया यादव) नाम लिखा था… जब छात्रों के मृत होने की खबरें आने लगीं… तब मैंने उसे (श्रेया यादव) फोन किया लेकिन उसका फोन बंद आ रहा था। तब कोचिंग संस्थान को फोन किया लेकिन वो भी बंद था, संस्थान का दूसरा नंबर लगाया तब किसी ने उठाया तो उन्होंने कहा कि हां यहां पर बचाव अभियान चल रहा है। घटना में दो की मौत हुई है लेकिन नाम तो नहीं बताऊंगा… मेरी मांग है कि कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
मेयर शैली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर को निर्देश दिया
विरोध प्रदर्शन के बाद मेयर शैली ओबेरॉय ने एमसीडी कमिश्नर को निर्देश दिया कि दिल्ली भर में ऐसे सभी कोचिंग सेंटर जो एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में हैं और बेसमेंट में व्यावसायिक गतिविधियां चला रहे हैं जो भवन उपनियमों (building bye-laws) का उल्लंघन कर रहे हैं और मानदंडों के अनुरूप नहीं हैं. उनके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.उन्होंने कहा कि इस त्रासदी के लिए एमसीडी के कोई अधिकारी जिम्मेदार हैं या नहीं, इसकी तत्काल जांच कराई जाएगी. यदि कोई अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
हादसे पर स्वाति मालीवाल का फूटा गु्स्सा
राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने एक्स पर लिखा कि राजधानी में तीन छात्रों की बेसमेंट डूबने से हुई मौत की ज़िम्मेदारी कौन लेगा ? बता रहे है स्टूडेंट दस दिन से बारे बार ड्रेन साफ़ करने की डिमांड कर रहे थे, पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। गैरकानूनी बेसमेंट बिना भ्रष्टाचार के कैसे चल सकते हैं, एक्स्ट्रा फ्लोर कैसे डल जाते हैं, कैसे हो सकता है कि बिना पैसे खाये सड़क-नालियों के ऊपर क़ब्ज़े हो जाते हैं। स्पष्ट है कि कोई सेफ्ती रूल्स को पालन करने की ज़रूरत नहीं, पैसा दो, काम हो जाता है। बस हर दिन AC रूम में बैठके महत्वर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहो। ग्राउंड पर कोई काम करने को तैयार नहीं है। कुछ दिन पहले पटेल नगर में करंट लगने से हुई मौत से भी कुछ नहीं सीखा?