महाराष्ट्र की चर्चित पूजा खेडकर अब आईएएस अधिकारी नहीं रहेंगी. विवादों के बीच यूपीएससी ने बड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी उम्मीदवारी को रद्द कर दिया. साथ ही UPSC ने कहा कि पूजा खेडकर भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगी.
आयोग ने कहा, ”पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर को अपनी पहचान फर्जी बताकर परीक्षा के लिए स्वीकृत सीमा से अधिक अवसर धोखाधड़ी से प्राप्त करने को लेकर 18 जुलाई को कारण बताओ नोटिस (एससीएन) जारी किया गया था.”UPSC ने कहा, ”उन्हें (पूजा खेडकर) 25 जुलाई तक एससीएन पर अपना जवाब देना था, लेकिन उन्होंने अपना जवाब देने के लिए चार अगस्त तक का समय मांगा. आयोग ने कहा कि यूपीएससी ने उन्हें 30 जुलाई को दोपहर साढ़े तीन बजे तक अपना जवाब देने के लिए अंतिम मौका दिया. लेकिन वह निर्धारित समय के भीतर अपना स्पष्टीकरण देने में विफल रहीं.’’
पूजा खेडकर पर क्या-क्या आरोप हैं?
- पूजा खेडकर ने फर्जी पहचान बनाकर UPSC की परीक्षा दी
- परीक्षा नियमों के साथ धोखाधड़ी करके लाभ उठाया
- दस्तवाजे में नाम, पता, तस्वीर, ईमेल आईडी बदलकर यूपीएससी की परीक्षा में तय नियमों से अधिक एटेम्पट दिए
- अपने पिता और माता को लेकर भी गलत जानकारी का आरोप
पूजा खेडकर उनके खिलाफ कथित तौर पर सीमा से परे धोखाधड़ी से प्रयास करने के लिए अपनी पहचान को गलत तरीके से पेश करने के लिए एफआईआर दर्ज किया गया था. यूपीएससी की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मामला दर्ज किया था. इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए पूजा खेडकर कोर्ट पहुंचीं. उनकी अग्रिम जमानत याचिका पर गुरुवार (1 अगस्त) को कोर्ट अपना फैसला देगी
ओबीसी कैटगरी के तहत आरक्षण में धांधली का आरोप
इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट में पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान यूपीएससी के वकील नरेश कौशिक ने कहा कि 9 प्रयास ओबीसी क्राइटेरिया के तहत थे. उसमें क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर का कॉन्सेप्ट है. इनके पिता ने अपनी घोषणा में 53 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी. उसको कम दिखाने के लिए कहा कि मेरे माता-पिता का तलाक हो गया है और मैं मां के साथ रह रही हूं. यहां भी गड़बड़ी की.