जर्जर स्कूल से परेशान थे बच्चे और टीचर अब अतिरिक्त भवन बनने के बाद शिक्षकों को अपना ऑफिस नहीं व शौचालय नहीं और पीने का पानी नहीं मिल पाया मिला तो दो अतिरिक्त कक्ष शासकीय प्राथमिक शाला तिलक नगर चांपा
स्कूल में नहीं है शौचालयव व हेंड पम्प, बच्चों को दी जाती खुले में शौच सरकार एवं सरकारी महकमा के जुबां पर इन दिनों सिर्फ शौचालय एवं स्वच्छता की बात हो रही है.
चांपा नगरपालिका क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक शाला तिलक नगर चांपा का सरकारी स्कूल शौचालय निर्माण नहीं होने से छोटे-छोटे बच्चे के साथ ही शिक्षक- शिक्षकों खुले या बाहर में जाने को रहते मजबूर शौचालय वहीं बात करे पीने का पानी की तो न ही यहा हेड पम्प लगा नहीं है मध्यान भोजन करने के पिने पानी का टंकी तक लगा ही नही ऐसे में व्यवस्था नहीं होने से स्वच्छता कैसे रहेगा बरसात का मौसम आए दिन सुनना पड़ता है स्वच्छता के साथ-साथ खुले में शौच से होने वाली बीमारियों और उसके दुष्परिणाम की जानकारी दी जाती है।ऐसे में स्वच्छता अभियान की बात बेमानी लगती है। जबकि स्वच्छता अभियान को लेकर सरकार करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। ऐसे में अगर स्कूल आये बच्चों शौचालय जाने की आवश्यकता हुई तो उसे खुले में ही जाना पड़ेगा। जबकि इस विद्यालय में एक शिक्षक, तीन शिक्षका सहित कुल 41 बच्चे अध्ययनरत है, लेकिन इन सबों के लिये फिलहाल स्कूल में शौचालय के लिए कोई सुविधा नहीं है। एक तरफ सरकार स्वच्छ भारत का नारा देकर स्वस्थ भारत के सपने दिखा रही है, वहीं दूसरी तरफ अबतक विद्यालय में शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है।
शिक्षक के द्वारा आसपास घरों से लंबी पाइप लगाकर स्कूल में ड्रम में पानी लाया जाता है बच्चों को पानी की समस्या ना हो ऐसे कब तक चलेगा अब देखने वाली बात है