रायपुर। धड़ल्ले से अनैतिक कार्यों को चलाने और चैनल की आड़ में ब्लैकमेलिंग कर पहचान बनाने वाले कथित समाजसेवी सुरेश गोयल का नाम आए दिन सुर्ख़ियों में रहता है। बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े फर्जी सेक्स सीडी कांड मामले को लेकर गोयल उस समय भी चर्चा में आए थे, जब उन्होंने बीजेपी सरकार के तत्कालीन PWD मंत्री राजेश मूणत की सेक्स सीडी का हवाला देते हुए, लगातार ख़बरें प्रसारित की थी। इसके बाद मचे बवाल से राजनीति गरमाते ही, चैनल की ओर से अचानक यू-टर्न ले लिया गया। राजेश मूणत की सेक्स सीडी फर्जी होने का दावा चैनल की ओर से किया जाने लगा। लोग यह जानकार हैरत में पड़ गए कि सुरेश गोयल ने पहले तो गैर जिम्मेदारी के साथ चैनल की ओर से झूठी खबर प्रसारित कर राजनैतिक बवाल मचवाया गया। फिर अपनी ही खबरों का रुख सीडी के फर्जी होने के दावों के साथ जनता के बीच लाया गया। आज भी तथ्यों का खुलासा होगा तो आरोपी सुरेश गोयल ही बनेंगे।
बताते है कि सेक्स सीडी कांड को अस्तित्व में लाने के मामले में CBI ने चैनल के कर्ताधर्ताओं से भी पूछताछ की थी। लेकिन खबरों के प्रसारण की जिम्मेदारी को लेकर CBI की प्राथमिक चार्जशीट में कोई खास उल्लेख नहीं किया गया है। CBI की ओर से चार्जशीट में यह भी नहीं बताया गया है कि आखिर कहां से सुरेश गोयल को PWD मंत्री राजेश मूणत की सेक्स सीडी प्राप्त हुई थी।
सेक्स सीडी कांड खबर के प्रसारण के पूर्व चैनल की ओर से भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की तय “गाइडलाइन” के अलावा NBA के मापदंडो का पालन किया या नहीं। यही नहीं पूर्व प्रसारित खबर के बाद, राजेश मूणत की सीडी फर्जी करार दिए जाने की ख़बरें भी प्रसारित हुई थी। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि सुरेश गोयल ने किस एजेंसी से सेक्स सीडी के फर्जी होने संबंधी प्रमाण प्राप्त किए थे ?
स्टिंग ऑपरेशन और सेक्स सीडी जैसे सनसनीखेज कंटेंट को लेकर तय मापदंडो का उल्लंघन गंभीर अपराध की श्रेणी में है। कई खबरिया चैनेलो के लाइसेंस प्रावधानों के उल्लंघन के चलते रद्द किए जा चुके है। लिहाजा,CBI की चार्जशीट में सेक्स सीडी कांड की नीव रखे जाने संबंधी महवत्पूर्ण साक्ष्यों का नदारद रहना हैरान करने वाला है। राज्य के सबसे बड़े सेक्स सीडी कांड से जुड़े एक प्रमुख शख्स रिंकू खनूजा की मौत का मामला भी कम सनसनीखेज नहीं बताया जा रहा है।
बताया जाता है कि रिंकू खनूजा रहस्मय परिस्थितयो में मृत मिला था। परिजनों ने उसकी मौत को हत्या बताते हुए पुलिस में शिकायत की थी। हालाँकि छत्तीसगढ़ पुलिस ने रायपुर के सिविल लाइन थाने में रिंकू की मौत को लेकर आत्महत्या का प्रकरण दर्ज किया था।
रिंकू खनूजा सुसाइड केस में रायपुर की सिविल लाइन पुलिस ने लोहा कारोबारी और IBC-24 चैनल के मालिक सुरेश गोयल को दो-दो बार नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था। लेकिन गोयल उपस्थित नहीं हुए थे। सवाल यह उठ रहा है कि सुरेश गोयल किन तथ्यों और जाँच से बचना चाहते थे ? आखिर क्योँ दो-दो नोटिसों के बावजूद जानते बुझते हुए भी घर में नहीं होने का बहाना बनाते रहे ? उनके पुत्र दिनेश गोयल पुलिस के नोटिस के जवाब में यह सूचना देते रहे कि वे बाहर हैं, इसलिए नहीं आ सकते हैं।
छत्तीसगढ़ पुलिस के रिकॉर्ड में रिंकू खनूजा की मौत की वजह आत्महत्या बताई गई है। बताते है कि 6 जून 2018 को स्कैंडल में नया मोड़ उस वक्त आया जब बघेल ने CBI पर आरोप लगाया था कि पूछताछ से दबाव में आकर आरोपी बनाए गए रिंकू खनूजा ने अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद बघेल और कांग्रेस ने CBI को घेरे में लिया था । अंततः CBI की कार्यवाही ठप्प पड़ गई। आखिरकार मुख्यमंत्री की कुर्सी में काबिज होते ही बघेल ने राज्य में CBI को बैन कर दिया।
रिंकू की मौत के दौरान उसके परिजनों ने एक आडियो टेप पुलिस को दिया था, इसमें IBC-24 के मालिक सुरेश गोयल और लवली खनूजा के बीच अश्लील सीडी की सौदेबाजी को लेकर बातचीत का दावा किया गया था।
सूत्र बताते है कि इस आडियों की सत्यता फोरेंसिक रिपोर्ट अब तक सामने नहीं आई है, बावजूद इसके आत्महत्या के इस प्रकरण की छत्तीसगढ़ पुलिस ने जाँच ख़त्म कर दिए जाने की खबर है। सोशल मीडिया में यह ऑडियो उस वक्त काफी वायरल हुआ था, जब CBI सेक्स सीडी कांड और छत्तीसगढ़ पुलिस रिंकू खनूजा आत्महत्या मामले की जांच अलग-अलग मोर्चो पर कर रहे थे। इस दौरान चर्चित रहे ऑडियो को लेकर आखिर क्योँ दोनों ही एजेंसियां परहेज बरतती रही ?
आखिर क्योँ सेक्स सीडी का सच हो या फिर रिंकू खनूजा आत्महत्या या हत्या ? का मामला,दोनों ही प्रकरणों में सुरेश गोयल से पूछताछ ना होना, तमाम प्रकरणों की जाँच को संदेह के दायरे में लाता है। रायपुर में पदस्थ तत्कालीन सिविल लाइन सीएसपी त्रिलोक बंसल ने सुरेश गोयल से पूछताछ के लिए काफी जोर दिया था। वे रिंकू खनूजा मामले की पूछताछ में जुटे थे। बताते है कि पुलिस के रुख को देखते हुए सुरेश गोयल बच निकलने की तरकीब में लगभग महीने भर से ज्यादा वक्त तक यहां-वहां हाथ मरते रहे।