सरकार ने शुक्रवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के तहत जारी नियमों पर स्पष्टीकरण जारी किया। सीएए के तहत अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान से आने वाले उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
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नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 के पहले के प्रावधान में कहा गया है कि कोई भी दस्तावेज जो दिखाता है कि आवेदक के माता-पिता या दादा-दादी या परदादा-परदादी तीन देशों में से किसी एक यानी अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान के नागरिक हैं या थे। गृह मंत्रालय ने अपने ताजा स्पष्टीकरण में कहा, यह स्पष्ट किया जाता है कि अनुसूची-1ए के क्रम संख्या 8 के तहत दस्तावेजों में केंद्र सरकार/राज्य सरकार/भारत में किसी भी न्यायिक या अर्ध न्यायिक निकाय द्वारा जारी कोई भी दस्तावेज शामिल हो सकता है, जैसे कि भूमि रिकॉर्ड, न्यायिक आदेश आदि। यह दर्शाता है कि आवेदक या उसके माता-पिता या दादा-दादी अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान के नागरिक थे।
सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई
अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के उत्पीड़ित उन हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने के लिए सीएए को 209 में अधिनियमित किया गया था, जो 3 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे।सीएए को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई थी। लेकिन जिन नियमों के तहत भारतीय नागरिकता दी जानी है, वे चार साल की देरी के बाद इस साल 11 मार्च को हो जारी किए गए। मई से सरकार सीएए के तहत तीन देशों से आने वाले लोगों को नागरिकता दे रही है। वर्ष 2019 में सीएए को मंजूरी मिलने के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने इसे भेदभावपूर्ण करार दिया था।