जगदलपुर।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार श्रीवास्तव आई0आई0टी0 के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश से मिले। दोनों संस्थाओं ने बस्तर क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों के विकास के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
विकास के अनेक मॉडल पर आई0आई0टी0 तथा श0म0क0 विश्वविद्यालय के द्वारा संयुक्त रूप से कार्य करने पर भी विचार किया गया। यह संज्ञान में लिया गया कि क्षेत्र के दूर आदिवासी बाहुल्य गांव एवं घरों में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं विकास के प्रति जागरूकता, प्रयास एवं मार्गदर्शन की आवश्यकता है। इसलिए अब आई0आई0टी0 तथा विश्वविद्यालय संयुक्त रूप से एक टीम के रूप में इस दिशा में काम करेंगे। प्रारंभ में बस्तर में कुछ चुने हुए गांव में हर घर की शिक्षा, स्वास्थ्य, हाउसहोल्ड के सदस्यों के द्वारा किए जाने वाले कार्य आदि की सूचना एकत्रित कर डेटाबेस तैयार कराया जाएगा। इसके अगले चरण में इस डेटाबेस के माध्यम से आवश्यकता अनुसार सरकारी तंत्र एवं जिला प्रशासन की मदद से अच्छे संसाधनों के ऑप्टीमल प्रयोग के द्वारा गांव के प्रत्येक नागरिक के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य आदि से संबंधित सभी सुविधाओं को उपलब्ध कराने में प्रयोग किया जाएगा। उदाहरण के रूप में इस विकास के मॉडल के अंतर्गत आईआईटी के प्रोफेसर अपने स्वयं के इंटरनेट प्रणाली से ऑनलाइन अथवा भौतिक रूप से गांव में आकर वीक एंड अथवा अन्य समय में स्कूल के बच्चों को ऐसी शिक्षा देंगे, जिन्हें आईआईटी के वैज्ञानिक आवश्यक समझते हैं, जो कि छात्रों के लिए आगे आने वाले जीवन में उपयोगी होगी। ऐसा करने से गांव के युवाओं को शिक्षा, व्यवसाय, कौशल एवं उद्यमशीलता की दिशा में आगे बढ़ाने में आत्मविश्वास विकसित किया जा सकेगा तथा उनमें निर्धारित क्षमता का विकास होगा तथा रोजगार परक, मार्केट रेडी शिक्षा औपचारिक तथा अनौपचारिक ढंग से हम हर गांव तक पहुँचा सकेंगे।
आईआईटी और वि0वि0 पूरे बस्तर क्षेत्र का डेटाबेस तैयार
इसी मॉडल के अंतर्गत यदि एक गांव में चार या पांच व्यक्ति किसी एक जैसी बीमारी से ग्रसित होते हैं तथा उन्हें किसी विशेषज्ञ डॉक्टर की आवश्यकता है या सर्जरी की आवश्यकता है तो इस स्थिति में उस रोग के डॉक्टरों की स्पेशलाइज्ड टीम को मोबाइल हॉस्पिटल फैसिलिटी के साथ गांव में भेजा जाएगा और टीम ऐसे गांव में कैम्प करेगी। एक निश्चित बीमारी से ग्रसित सभी गांव वासियों का इलाज करेगी तथा आगे फॉलो अप करेगी। इस संपूर्ण कार्य को आईआईटी एवम बिश्वविद्यालय के वैज्ञानिक, कंप्यूटर साइंस, मैनेजमेंट आदि विशेषज्ञ मिलकर डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम तथा अन्य साइंटिफिक मॉडल के माध्यम से पूरा करेंगे। प्रारंभ में कुछ चुने हुए गांव के लिए आईआईटी और श0म0क0 विश्वविद्यालय मिलकर करेगा और सफलता मिलने पर इस मॉडल का संपूर्ण क्षेत्र में विस्तार कर दिया जाएगा। कुलपति का मानना है कि यदि आईआईटी और वि0वि0 पूरे बस्तर क्षेत्र का डेटाबेस तैयार लेता है तो हम शिक्षा, स्वास्थ्य एवं विकास की हर दिशा में बस्तर को तथा आदिवासियों को एक अच्छा जीवन, सम्मानजनक जीवन देने में सफल होंगे। कुलपति प्रोफेसर मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि श0म0क0 विश्वविद्यालय तथा आईआईटी भिलाई एम0ओ0यू0 साइन करने जा रहे हैं। यह भी चर्चा की गई कि विश्वविद्यालय के छात्र आई0आई0टी0 में अपने द्वारा चुने गए विषयों की पढ़ाई आई0 आई0 टी0 के प्रोफेसरों के द्वारा वहाँ एक महीने रह कर कर सकेंगे। इस एमआईयू के द्वारा हम मिलकर शिक्षा तथा बस्तर क्षेत्र के विकास के लिए कार्य करेंगे।