केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में रहीं। यहां वह इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER) के 11वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। उन्होंने कहा, लोग टैक्स पर सवाल करते हैं, पूछते हैं इतने टैक्स क्यों, लेकिन यह बात मुझे पसंद नहीं है। मैं चाहती हूं कि टैक्स जीरो पर लेआऊं, लेकिन हमारी सामने कई सारी चुनौतियां हैं।
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वित्त मंत्री ने इस दौरान 442 शोधार्थियों को डिग्री बांटी दीक्षांत समारोह में भारतीय परिधान यानी कुर्ता पैजामा, साड़ी और सलवार सूट अनिवार्य किया गया था। लिहाजा, संस्थान के सभी छात्र-छात्राएं और स्टाफ भारतीय परिधान में नजर आए।
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- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान कहा, लोग टैक्स पर सवाल करते हैं, लेकिन यह बात मुझे पसंद नहीं है। मैं चाहती हूं कि टैक्स जीरो पर लेआऊं, लेकिन देश के सामने कई चुनौतियां हैं। उसके लिए फंड जरूरी है। हमारे बहुत सारे कमिटमेंट हैं। हम दूसरों के भरोसे नहीं रह सकते। इसलिए खुद पैसा खर्च करते हैं और देशवासियों से योगदान लेते हैं।
- वित्तमंत्री ने कहा, भारत में चीन से भी विद्यार्थी पढ़ने के लिए आते हैं, लेकिन समाज को आपके ज्ञान का फायदा तब मिलेगा जब आप उसे समाज में बांटेंगे। आईआईएसईआर ने 3 हजार पेपर पब्लिश किए हैं। देश में रैंकिंग भी अच्छी है। यहां केरल और बंगाल के छात्र बेहतर परफॉर्म कर रहे हैं। आदि शंकराचार्य केरल से आते हैं। बनारस का ज्ञान अलग है। वित्तमंत्री ने यूनिवर्सिटी के छात्रों से कहा, यहां से डिग्री लेने के बाद आप ऐसी जगह जॉब करें, जहां विज्ञान के लिए समय निकालना मुश्किल न हो।
- डेटा साइंस के क्षेत्र में रिसर्च की जरूरत है
- निर्मला सीतारमण ने कहा, डेटा साइंस के क्षेत्र में ज्यादा रिसर्च की जरूरत है। 4 जी नेटवर्क ने काफी परेशान किया है। आज 5जी की वजह से अच्छी कनेक्टिविटी है। रीन्यूएबल एनर्जी के सेक्टर में ज्यादा स्कोप है। सौर ऊर्जा को स्टोर कर साइंस में नए प्रयोग किए जा सकते हैं। भारत आज एडवांस केमिस्ट्री के साथ काम रहा है।