विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को एमपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। यह घोषणा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में वायरल संक्रमण के प्रकोप के बाद की गई है जो पड़ोसी देशों में भी फैल गया है। दो साल में यह दूसरी बार है, जब एमपॉक्स को वैश्विक आपातकाल की श्रेणी में डाला है। इसके पहले अफ्रीका रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने एमपॉक्स संक्रमण को लेकर महाद्वीप में स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था।
एमपॉक्स निकट संपर्क के माध्यम से फैल सकता है। यह यौन संपर्क से भी फैलता है। आमतौर पर हल्का, यह दुर्लभ मामलों में घातक होता है। यह फ्लू जैसे लक्षण और शरीर पर मवाद से भरे घाव पैदा करता है। किसी बीमारी के प्रकोप को ‘अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल’ या डब्ल्यूएचओ का उच्चतम स्तर के अलर्ट के रूप में निर्धारित करने से बीमारी को रोकने के लिए अनुसंधान, वित्त पोषण और अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और सहयोग में तेजी आ सकती है
एमपॉक्स के लक्षण
एमपॉक्स को मंकीपॉक्स के नाम से भी जाना जाता है। इसकी पहचान सबसे पहले 1958 में की गई थी, जब बंदरों में पॉक्स जैसी बीमारी का प्रकोप हुआ था। हाल ही तक इंसानों में एमपॉक्स के ज्यादातर मामले मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के लोगों में देखे गए थे, जिनका संक्रमित जानवरों के साथ निकट संपर्क था। 2022 में पहली बार वायरस के यौन संबंध के जरिए फैलने की पुष्टि हुई है और 70 से ज्यादा देशों में इसका प्रकोप शुरू हो गया, जहां पहले यह रिपोर्ट नहीं किया गया था। एमपॉक्स,चेचक के वायरस के ही परिवार से संबंधित है, लेकिन यह बुखार, ठंड लगना और शरीर में दर्द जैसे हल्के लक्षण पैदा करता है। गंभीर मामलों में लोगों के चेहरे, हाथ, छाती और जननांगों पर घाव हो सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति को अलग-थलग करना इसके बचाव का आवश्यक तत्व है।
नया वेरिएंट अधिक संक्रामक
कांगो में इसका प्रकोप एक स्थानीय स्ट्रेन के प्रसार से शुरू हुआ, जिसे क्लेड-I के रूप में जाना जाता है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि एक नया वेरिएंट क्लेड Ib नियमित निकट संपर्क के माध्यम से अधिक आसानी से फैलता हुआ प्रतीत होता है। इसका प्रकोप कांगो से बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा समेत पड़ोसी देशों में फैल गया है, जिसके चलते डब्ल्यूएचओ ने कार्रवाई शुरू कर दी है