PM Modi Poland And Ukraine Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड के दो दिवसीय दौरे पर हैं. यह बीते 45 सालों में भारत के किसी प्रधानमंत्री का पहला पोलैंड दौरा है. उन्होंने यात्रा के पहले दिन नवानगर के जाम साहब स्मारक और कोल्हापुर महाराज के स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि दी और बाद में भारतीय समुदाय को संबोधित किया. वहीं, यात्रा के दूसरे दिन गुरुवार को पीएम मोदी पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क से मुलाकात करेंगे.
पीएम मोदी पोलैंड के प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी हिस्सा ले सकते हैं. वह राष्ट्रपति डूडा के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. पीएम मोदी के पोलैंड के दूसरे दिन के कार्यक्रम में बिजनेस लीडर्स के साथ-साथ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ भी बातचीत करेंगे.
प्रधानमंत्री का आज का कार्यक्रम
- दोपहर 1.30-1.45 बजे – चांसलरी में औपचारिक स्वागत.
- दोपहर 1.45- 2.15 बजे – पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के साथ बैठक.
- दोपहर 2.15- 2.55 बजे – प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता.
- दोपहर 3.05 – 3.00 बजे – प्रेस वार्ता .
- दोपहर 3.00- 4.50 बजे – पोलैंड के प्रधानमंत्री की तरफ से दिए गए लंच में शामिल होंगे.
- शाम 5.30-6.30 बजे – पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा के साथ द्विपक्षीय बैठक.
- 7.20- 7.50 बजे – बिजनेस लीडर्स के साथ बातचीत.
- 8.00-8.40 बजे – पोलैंड के सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स के साथ बातचीत
पोलैंड के बाद यूक्रेन के लिए रवाना होंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी पोलैंड के दो दिवसीय दौरे के बाद सीधे यूक्रेन जाएंगे. वह विशेष ट्रेन रेल फोर्स वन (Rail Force One) के जरिए पोलैंड से कीव जाएंगे. रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच पीएम मोदी के इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है. उन्होंने इससे पहले रूस जाकर राष्ट्रपति पुतिन से मुलाकात की थी.
पीएम मोदी ने दी थी श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को पोलैंड पहुंचने के बाद नवानगर के जाम साहब स्मारक पर श्रद्धांजलि दी थी. वह कोल्हापुर स्मारक पर भी गए थे. उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में बताया था कि मानवता और करुणा एक न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण दुनिया की महत्वपूर्ण नींव हैं. वारसॉ में नवानगर के जाम साहब स्मारक में जाम साहब दिग्विजय सिंह जी, रणजीत सिंह जी जडेजा के मानवीय योगदान पर प्रकाश डाला गया है, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध के कारण बेघर हुए पोलिश बच्चों को आश्रय के साथ-साथ देखभाल भी सुनिश्चित की. जाम साहब को पोलैंड में डोबरी (अच्छा) महाराजा के नाम से याद किया जाता है. स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की.