दिन हो या रात, रास्ते में जाते हुए महिलाओं को वो घूरती आंखें, सड़क पर धीमी होती मोटर साइकिलें, बसों या मेट्रो में महिलाओं को गलत तरीके से छूते हाथ, दफ्तरों में रोज नजरअंदाज होते असहज हालात। ये सारी वो चीजें हैं, जो हर एक महिला कई दिन में एक बार नहीं, बल्कि एक दिन में कई बार झेलती है।
बात इसलिए उठी है क्योंकि हाल ही में देश के उस राज्य बंगाल में मानव सभ्यता का सबसे जघन्य अपराध हुआ है, जहां ‘देवी पूजा’ से बड़ा और कोई पर्व नहीं और जिस राज्य की संस्कृति में ही महिलाएं पुरुषों से एक पायदान ऊपर हैं।
बंगाल की राजधानी कोलकाता में एक जूनियर महिला डॉक्टर के साथ रेप कर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद महिला सुरक्षा पर फिर सवाल खड़े हो गए है। बलात्कार जैसे अपराध पर जितना जरूरी बोलना है, उतना ही जरूरी है इससे बचाव के तरीके भी सीखना।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध दर 2021 में 56.5% से बढ़कर 64.5% हो गई है।
इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे सेल्फ डिफेंस यानी आत्मरक्षा के तरीके बताएंगे, जो ऊपर बताए हालात में लाइफ सेविंग साबित हो सकते हैं।
रेप, एब्यूज और इन्सेस्ट नेशनल नेटवर्क (Rape, Abuse & Incest National Network) की रिपोर्ट के मुताबिक, यौन हिंसा के 70% मामले किसी अनजान व्यक्ति द्वारा नहीं बल्कि उन लोगों द्वारा किए जाते हैं, जिन्हें हम जानते हैं। जिनमें दोस्त, परिवार, साथी, सहकर्मी आदि शामिल हैं।
इन घटनाओं पर एकदम से लगाम लगा पाना तो किसी के लिए संभव नहीं है। लेकिन महिलाओं को खुद केपेबल होना चाहिए यानी उन्हें अपनी रक्षा खुद करना आना चाहिए। भोपाल के मार्शल आर्ट्स और सेल्फ डिफेंस एंड फिटनेस ट्रेनर वीपी सिंह राणा ने सेल्फ डिफेंस की कुछ टेकनीक बताई हैं। नीचे ग्राफिक में देखें-
- हैंडबैग में पेपर-स्प्रे साथ रखें
पेपर स्प्रे आप आसानी से बैग में कैरी कर सकते हैं। कुछ पेपर स्प्रे में ग्लास ब्रेकर भी लगा आता है। इसके इस्तेमाल से सामने वाले की आंखों में और रेस्पिरेटरी सिस्टम में तेज जलन होने लगती है। इसके इस्तेमाल से ही छींकें और खांसी आने लगती है, जिससे आपको बचकर निकलने का समय मिल जाता है। यह काफी ज्यादा असरकारक है।
- स्मार्टफोन में वुमन सेफ्टी ऐप इंस्टॉल करें
वैसे इसके चांस कम ही होते हैं कि सारी महिलाएं अपने हैंडबैग में पेपर-स्प्रे जैसी चीज रखती हों। लेकिन अगर आपके पास खतरे की घड़ी में ये नहीं है तो एक चीज तो जरूर ही होगी और वो है आपका फोन।
स्मार्टफोन में बहुत सारे ऐसे ऐप्स होते हैं, जो खासतौर पर महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही बनाए गए हैं। इन्हें अपने फोन में इंस्टॉल कर सकते हैं और इमरजेंसी में यूज कर सकते हैं। इससे होगा ये कि जब कभी भी आपको खतरा महसूस हो तो फोन के लॉक बटन को तीन या चार बार लगातार दबाने पर आपके सेट किए हुए कॉन्टेक्ट (परिवार या दोस्त) के फोन पर आपकी लाइव लोकेशन के साथ खतरे का अलर्ट भी पहुंच जाएगा।
- पुलिस या हेल्पलाइन नंबर पर फोन लगाएं
मुसीबत आने पर या उसका एहसास होने पर मदद के लिए तुरंत पुलिस को फोन लगाएं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए वुमन सेल, NGOs बने हैं, जो 24 घंटे महिलाओं की सुरक्षा के लिए तैनात रहते हैं।
-वुमन हेल्पलाइन नंबर- 1091
-इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर- 112
-राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW)- 7827170170
-शक्ति शालिनी-महिला आश्रय (NGO)- 011-24373736/24373737
-अखिल भारतीय महिला सम्मेलन (AIWC)- 10921/011-23389680
-साक्षी (NGO)- 0124-2562336/5018873
-सामाजिक कानूनी सूचना केंद्र (SLIC)- 911124374501