नागेश तिवारी,राजिम- चेन्नई में आयोजित अंतरिक्ष दिवस पर गरियाबंद जिले के पांडुका में पढ़ने वाली साक्षी बतौर बालिका वैज्ञानिक सम्मानित हुई। यंग साइंटिस्ट प्रतियोगिता में साक्षी ने नवाचार मॉडल के तहत वाई फाई से कई गुना तेज चलने वाला लाई फाई का मॉडल बनाया था।
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चंद्रयान 3 के सफलता पर भारत सरकार द्वारा 23 अगस्त को चेन्नई में यंग साइंटिस्ट इंडिया अवार्ड सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया।जिसमे लाई फाई का मॉडल बना कर सबको चौंकाने वाली साक्षी जायसवाल भी सम्मानित हुई।
चेन्नई में पहली बार आयोजित स्पेश-डे पर अतिथि के रूप में आये रशिया तथा कजाकिस्तान के अंतरिक्ष यात्री एडिन एइम्बेटोव, सर्गेई कोर्साकोव एवम स्पेस इंडिया के प्रमुख डॉ केसन ने साक्षी को सम्मानित कर प्रमाण पत्र भी भेंट किया।इस प्रमाण पत्र के साथ साक्षी को अब बाल वैज्ञानिक की उपाधि भी मिल गया है।इस आयोजन में विदेशों से आए कई नामी वैज्ञानिक मौजूद रहे।
लाइट के तरंग से डिवाइस को कनेक्ट करने का मॉडल बनाया था साक्षी ने_विगत छै माह से यंग साइटिस्ट इंडिया का ऑन लाइन प्रतियोगिता जारी था।इसमें कई राउंड तक मॉडल की प्रस्तुति किया जाना था। गरियाबंद जिले के पांडुका नवोदय विद्यालय में कक्षा 10 वी की छात्रा साक्षी ने भी अपने स्कूल में नवाचार प्रणाली के तहत कई मॉडल बनाया हुआ था। इसमें से एक लाई फाई है।वाई फाई से भी यह तेज है।साक्षी ने बताया कि किसी भी डिवाइस को ब्लू टूथ अथवा वाई फाई के बजाए हमने लाइट से निकलने वाले तरंग से डिवाइस कनेक्टर बनाया,जिसका नाम लाई फाई दिया गया।इससे रेडिसियन का भी खतरा नहीं है।प्रदेश स्तर में भी इस नवाचार मॉडल का चयन जोनल स्तर पर हुआ है। साक्षी के पिता देवभोग डीएवी के पूर्व प्राचार्य व बेमेतरा डीएवी के प्राचार्य पी एल जायसवाल है,उनकी माता सुनीता जायसवाल भी कवर्धा में शिक्षिका हैं।साक्षी की तरह इस आयोजन में महासमुंद जिले की दो बेटियों के अलावा बेमेतरा जाता डीएवी स्कूल के 8 छात्रों को यंग साइनिटिस्ट का खिताब मिला है।
पूरे भारत के 28 राज्यों से 1800 प्रतिभागियों ने भाग लिया
28 राज्यों से 1800 प्रतिभागियों ने लिया था भाग_यंग साइंटिस्ट इंडिया के आयोजन में पूरे भारत के 28 राज्यों से 1800 प्रतिभागियों ने भाग लिया था। जिसमें से ग्रांड फिनाले के लिए कुल 103 छात्र- छात्राए चयनित हुई थी।यंग साइंटिस्ट इंडिया के तीनों चरणों मे साक्षी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा ग्रांड फिनाले तक पहूंची । भाई पियुष जायसवाल भी सबसे कम उम्र के बाल वैज्ञानिक हैं। साक्षी जायसवाल को इस उपलब्धि के लिए विद्यालय के प्राचार्य महेंद्र राम सहित शिक्षक- शिक्षिकाओं ने शुभकामनाएं दी है।