सैयद फ़ारूख अली,सुकमा । सीआरपीएफ 226 के कमांडेड डी. एस. बिष्ट के मार्गदर्शन में मीडिया प्लान के तहत अतिसंवेदनशील गाँव मे कैलेंडर,पम्पलेट, फ्लेक्सी बैनर पोस्टर लगवाए गए,और सभी अंदुरुनी ग्रामों के ग्रामीणों तक साशन की योजनाएं,शिक्षा से होने वाले लाभ,कई प्रकार की जानकारियां साझा करते हुए,अंदुरिन ग्राम के पढ़े लिखे बेरोजगारो को आत्मनिर्भर बनने के लिए जागरूक किया गया।
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इसी कड़ी में ग्रामीणों को मुख्यालय बुला कर उन्हें आत्मनिर्भर बनने के लिए सुकमा जिले में चलाए जा रहे प्रथम फउंडेशन के द्वारा बेरोजगारों को जागरूक करने के कई योजनाओं से अवगत कराया गया,युवाओं को पढ़ाई के बाद किस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की इच्छा होती है उसकी जानकारी लेकर उन्हें उस क्षेत्र में आगे बढ़ने के तरीके सिखाये गए,बिजली,प्लम्बर,निर्माण कार्य के गुण,लड़कियों को पार्लर,होटल मैनेजमेंट जैसी चीजों में कैसे काम किया जा सकता है इन सबकी जानकारी दी गयी,सुकमा जिले।के अतिसंवेदनशील ग्राम,गोरगुंडा, फुलबगड़ी,मारिपारा,कांकेर लंका,जैसे ग्रामों से काफी संख्या में युवाओं ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया,और सीआरपीएफ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में काफी कुछ करने के लिए प्रथम के शिक्षको से मार्गदर्शन प्राप्त किया,बच्चों को दूर गाँव से सुबह सीआरपीएफ ने आने की सुविधा कर रखी थी,बच्चों ने कार्यक्रम में जानकारी एकत्रित किया,आये हुए सभी बच्चों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई थी,सभी ने सीआरपीएफ के अधिकारियों के साथ भोजन किया जिसके बाद बच्चों को कमांडेड डी, एस, बिष्ट ने बच्चों को संबोधित किया उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए मार्गदशीत किया,और किसी भी प्रकार से कुछ आवश्यकता पढ़ने पर अपने पास के कैम्प में संपर्क कर समस्या का समाधन करवाने की बात कही,बच्चों को जानकारी दी कि शिक्षा, और रोजगार से ही नक्सल समस्या जल्द क्षेत्र से समाप्त होगी,बच्चो को प्रमाण पत्र बांटे गए, प्रथम फाउंडेशन के द्वारा सभी बच्चों को संपर्क नम्बर देकर उन्हें अपने भविष्य में रोजगार सम्बंधित जानकारी के लिए ट्रेंनिग के लिए भी जागरूक किया गया।